भारत की कूटनीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर साबित हुई
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- युक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय नागरिक फंसे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन के मसले पर भारत की कूटनीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर साबित हुई है। ये पहली बार है जब आपदा में फंसे छात्रों से मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार की कोई नीति नहीं है। हमारी प्रथमिकता अपने छात्रों को जल्द से युक्रेन से बाहर निकालने पर होनी चाहिए। जबकि सरकार की प्रथमिकता केवल किराये में बढ़ोतरी करना ही बचा है।
उन्होंने कहा कि अब तक भारत सरकार आपदा में फंसे भारतीयों को हमेशा से फ्री विमान मुहैया कराती रही है लेकिन चाहे देश में कोविड-19 की वैक्सीन लगाने की बात हो या फिर युक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने की बात हो, हर जगह सरकार आम जनता से पैसे वसूलती रही है। ये सरकार की आपदा में अवसर वाली राजनीति का नतीजा है।
दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जंग का ऐलान करने के बाद यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। रूसी हमले के बीच यूक्रेन को डर है कि उनके यहां आने वाली फ्लाइट्स पर साइबर अटैक किया जा सकता है। इसी के मद्देनजर विपक्षी दलों ने केंद्र से इस मामले में उचित कार्यवाही की अपील की है।
इस बीच यूक्रेन में जंग के ताजा हालात के मद्देनजर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने की भी मांग की है।केंद्र सरकार के अनुसार युक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय नागरिक फंसे हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   25 Feb 2022 4:30 PM IST