भारत नवीन अनुसंधान, प्रौद्योगिकी समर्थित समाधानों में नेतृत्व कर सकता है : मंडाविया
- सार्वभौमिक स्वीकार्यता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि भारत नवीन अनुसंधान और प्रौद्योगिकी समर्थित समाधानों का नेतृत्व कर सकता है जो सार्वभौमिक स्वीकार्यता के साथ व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हैं।
वन हेल्थ : इंटीग्रेटेड, कोलैबोरेटिव एंड मल्टीसेक्टोरल अप्रोच टू ऑप्टिमल हेल्थ पर सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2023 में बोलते हुए मंडाविया ने कहा : यह समय है कि भारत एक समग्र और एकीकृत पारिस्थितिकी और प्रकृति के अनुकूल नीति-निर्माण के माहौल के साथ वन अर्थ, वन हेल्थ विजन को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाए और इसे वैश्विक स्वास्थ्य और भलाई के लिए वसुधैव कुटुम्बकम् के साथ संरेखित करे।
मांडविया ने कहा कि एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की दृष्टि केवल सक्रिय वैश्विक सहयोग से ही वास्तविकता बन सकती है, जहां देश केवल अपने बारे में नहीं, बल्कि सामूहिक वैश्विक परिणामों के बारे में सोचते हैं, स्वास्थ्य क्षेत्र को एक देश तक सीमित नहीं किया जा सकता क्योंकि एक देश का स्वास्थ्य और भलाई दूसरे देश को प्रभावित करती है।
उन्होंने कहा, हम एक अंतर-निर्भर दुनिया में रहते हैं, जिसमें न केवल देश, बल्कि मानव आबादी का स्वास्थ्य भी समान रूप से प्रभावित होता है और आसपास के पर्यावरण और जानवरों के स्वास्थ्य से प्रभावित होता है।
मंडाविया ने कहा कि वैश्विक महामारी ने प्रदर्शित किया है कि कोई भी देश किसी भी देश में प्रतिकूल विकास से सुरक्षित नहीं है, और यह भी कि कार्य पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और भलाई को प्रभावित करते हैं।
इसलिए, एक मानव जाति के रूप में यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम न केवल अपनी रक्षा करें, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि हमारे कार्यो का परिणाम उस पर्यावरण की रक्षा में हो, जिसमें हम सह-अस्तित्व में हैं। स्वदेशी अनुसंधान और पारंपरिक चिकित्सा के धन में भारत की अग्रणी भूमिका की सराहना करते हुए मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक देश के पास एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने का अपना मॉडल हो सकता है।
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने मॉडलों को समृद्ध करने के लिए एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखें और एक-दूसरे के साथ तालमेल से काम करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे सामूहिक कार्य एक स्वस्थ दुनिया को छोड़ दें, जिसमें हम रहते हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत का एकीकृत चिकित्सा का मॉडल इसका एक उदाहरण है, जहां यह भारत में निहित आयुर्वेद के पारंपरिक सिद्धांतों को शामिल करते हुए कल्याण पर ध्यान देने के साथ आधुनिक चिकित्सा का तालमेल बिठाता है।
आईएएनएस
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Created On :   16 March 2023 12:00 AM IST