बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बिछाई बिसात, इस रणनीति के तहत हुए राज्यपालों के तबादले
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी आगामी चुनाव को देखते हुए तैयारियों में जुट गई है। जिसका परिणाम देश के 12 राज्यों के राज्यपाल और एक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नए उपराज्यपाल के रूप में देखने को मिला है। दरअसल, राष्ट्रपति भवन से रविवार को 12 राज्यों के नए राज्यपाल के नाम घोषित किए गए हैं। जिनमें बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे कई महत्वपूर्ण राज्य शामिल हैं।
बदले गए महाराष्ट्र के गवर्नर
इन राज्यों में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी सुर्खियों में रहे हैं। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्यपाल पद से इस्तीफा छोड़ने की इच्छा जाता चुके हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तब सुर्खियों में आए थे। जब उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान वीर शिवाजी पर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद से ही महाराष्ट्र के सियासत में भूचाल आ गया था। उद्धव गुट के शिवसेना राज्यपाल कोश्यारी पर जबरदस्त हमलावर नजर आए थे। शिवसेना सांसद संजय राउत ने तो गवर्नर को भाजाप का एजेंट करार दे दिया था। हालांकि, यह पहली बार नहीं था कि शिवसेना ने उनपर आक्रमण किया हो। इससे पहले जब राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघांडी सरकार रही तभी से भगत सिंह कोश्यारी पर तल्ख टिप्पणीयां करते रहे हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को गवर्नर के रूप में बीजेपी का नेता तक कहा जा चुका है।
इन दो राज्यों पर होगी नजर
महाराष्ट्र के अलावा बिहार के राज्यपाल भी बदले गए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड राज्य के भी राज्यपाल बदले गए हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भाजपा ने अपना आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पहला कदम रख दिया है। खासकर के बिहार और महाराष्ट्र की बात करें तो इन दो राज्यों में हाल ही में नया समीकरण से नई सरकार बनी है। केंद्र सरकार चाहती है कि राजभवन में कोई ऐसा हो जो प्रदेश की प्रशासन व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखे। साथ ही राजभवन से प्रदेश की तमाम कमियों को उजागर करता रहे।
तीन राज्यों में पैठ बनाना चाहती हैं भाजपा
राजनीतिक पंडितों की मानें तो, इसी बात का ध्यान रखते हुए गैर भाजपा शासित प्रदेश छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड राज्य के राज्यपाल बदले गए हैं। ताकि प्रदेश में हो रहे खामियों को राजभवन के द्वारा सामने लाया जा सके। बता दें कि, बीजेपी इन तीन राज्यों में अपना दबदबा बनानी चाहती है। लेकिन मजबूत विपक्ष की वजह से इन राज्यों में भाजपा के हाथ में ज्यादा कुछ नहीं लगता है।
कितना फायदा होगा?
दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव में अब शेष 14 महीने ही बचे हैं। भाजपा जमीनी स्तर पर अपना ईक्का जमाने लगी है। चुनाव में किसी भी प्रकार की कोताही बरतना नहीं चाहती है। वहीं राज्यपाल बदले जाने पर विपक्ष सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, अब देखना होगी कि राज्यपाल बदलने से भाजपा को इन राज्यों में कितना फायदा होता है।
Created On :   12 Feb 2023 3:55 PM IST