नन घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सीएम कभी किसी हाई कोर्ट के जज से नहीं मिले

In the nun scam, the Chhattisgarh government told the Supreme Court – CM never met any High Court judge
नन घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सीएम कभी किसी हाई कोर्ट के जज से नहीं मिले
छत्तीसगढ़ नन घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सीएम कभी किसी हाई कोर्ट के जज से नहीं मिले

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिक अपूर्वी निगम घोटाला (एनएएन घोटाला) के संबंध में कभी भी उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से मुलाकात नहीं की, क्योंकि केंद्र के वकील ने घोटाले में उनकी संभावित संलिप्तता का संकेत दिया था।

राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित से कहा कि मुख्यमंत्री कभी हाई कोर्ट के किसी जज से नहीं मिले। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि उन्होंने केवल एक व्हाट्सएप चैट का उल्लेख किया था।

पिछली सुनवाई में, मेहता ने मुख्यमंत्री के एक कथित करीबी सहयोगी के व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया था कि नन घोटाला मामले में कुछ आरोपियों को जमानत दिए जाने से दो दिन पहले एक न्यायाधीश ने सीएम से मुलाकात की थी। इस बीच, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की भी पीठ ने समय की कमी और सुनवाई पूरी करने के लिए विशेष पीठ की अनुपलब्धता के कारण मामले की और सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस ललित का 8 नवंबर को पद छोड़ने का कार्यक्रम है।

शीर्ष अदालत ने ईडी और राज्य सरकार द्वारा दायर दस्तावेजों को फिर से सील करने का आदेश दिया और रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह मामले को 14 नवंबर के सप्ताह में एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें।

ईडी ने घोटाले के सिलसिले में दो आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। एनएएन घोटाला 2015 में सामने आया था, और इसमें शामिल लोगों पर कम गुणवत्ता वाले चावल, चना, नमक आदि की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया है। ईडी ने शीर्ष अदालत का रुख कर छत्तीसगढ़ से मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग की, जिसमें एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पर आरोपी के खिलाफ विधेय अपराध को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था।

ईडी ने 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि छत्तीसगढ़ में घोटाले के आरोपियों को जमानत देने वाले जज ने जमानत आदेश पारित होने से दो दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। मेहता ने प्रस्तुत किया था कि न्यायाधीश जमानत से दो दिन पहले सीएम से मिले थे और अगर यह चौंकाने वाला नहीं है, तो मुझे नहीं पता! उन्होंने कहा कि स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने से पहले आरोपी के साथ उसका आदान-प्रदान किया जा रहा है। मेहता ने जोर देकर कहा कि मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई है।

 

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Created On :   21 Oct 2022 12:30 AM IST

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