टिकट देने पर घिरी समाजवादी पार्टी, मान्यता पर भी लटकी तलवार, अखिलेश यादव ने जल्दबाजी में बदला फैसला!
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए दावा ठोक रहीं है। सत्तादल के साथ ही विपक्षी पार्टियों ने प्रथम चरण के उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। वहीं उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर सपा ही बीजेपी को टक्कर देती नजर आ रही है। लेकिन अब समाजवादी पार्टी की मान्यता पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। और उसकी मान्यता को रद्द करने की मांग की जा रही है। सपा पर आरोप लगाए जा रहे है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है।
दरअसल सपा ने यूपी के कैराना से नाहिद हसन को चुनाव मैदान में उतारा है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की है।
उपाध्याय की अर्जी में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। और इसके लिए उन्होंने उसकी मान्यता समाप्त करने की मांग की है।अश्विनी उपाध्याय ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है "समाजवादी पार्टी ने कैराना सीट से एक गैंगस्टर को चुनाव मैदान में उतारा है। जिसका क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने ट्विटर अकाउंट और वेबसाइट पर समाजवादी पार्टी ने जारी नहीं किया। और न ही इसके अलावा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर कोई जानकारी दी गई।"
बीजेपी ने भी इस मामले को लेकर सपा पर आरोप लगाए है कि सपा गुंडो की पार्टी है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस मामले पर कह चुके है कि सपा की अपनी पहली ही लिस्ट में ही उसके इरादे साफ तौर पर समझ सकते हैं कि वह किस तरह से पश्चिम यूपी को गुंडाराज में झोंकने की तैयारी पर है।
अधिवक्ता ने कहा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की है। ऐसे में चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि आयोग उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे
हालांकि जब इस मामले को लेकर सपा पर आरोप लगाए गए और नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद सपा हसन का टिकट काट चुकी है। और पार्टी ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है।
Created On :   17 Jan 2022 4:02 PM IST