तेजस्वी यादव ने कैबिनेट में घटवाया बड़े भाई तेजप्रताप यादव का कद, विभागों के मामले में तेजप्रताप की झोली तकरीबन खाली, लालू परिवार में फिर तकरार की अटकलें!
डिजिटल डेस्क, पटना। हाल ही में बिहार में नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार बनाई और एनडीए को बड़ा झटका दिया। मंगलवार को महागठबंधन की सरकार ने कैबिनेट विस्तार किया। महागठबंधन के 31 मंत्रियों ने आज शपथ ली है। इस दौरान बिहार की सियासत में सभी की नजरें इसी बात को लेकर टिकी थीं कि तेजस्वी व तेजप्रताप यादव को कौन सा विभाग मिलेगा? तेजस्वी को जहां कई विभागों का दायित्व मिला है तो वहीं तेजप्रताप यादव को एक ही विभाग से संतोष करना पड़ा।
वैसे तो तेजप्रताप भले ही तेजस्वी से बड़े हैं लेकिन उनका कद घटने से बिहार की सियासत में हलचल का माहौल है। जानकारों के मुताबिक, तेजस्वी और तेजप्रताप में अक्सर अनबन चलती रहता है। ऐसे में आगे चलकर आपसी वर्चस्व की लड़ाई सामने आ सकती है। दूसरी तरफ बीजेपी एक बार फिर भाई-भतीजावाद को लेकर नीतीश कुमार पर हमलावर है क्योंकि लालू के दोनों बेटों को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है।
तेजप्रताप यादव को मिला ये विभाग
गौरतलब है कि साल 2015 में जब पहली बार महागठबंधन की सरकार सत्ता में आई थी। उस वक्त तेजप्रताप यादव के पास स्वास्थ्य, लघु-संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग थे। जबकि इस बार केवल उनको पास एक ही विभाग मिला है। तेजप्रताप यादव पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री बने हैं। लोगों का कहना है कि तेजप्रताप का मन था कि इस बार दोबारा उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय मिले लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, बिहार की सियासत में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि तेजप्रताप यादव देर से ही सही इस मुद्दे पर कुछ न कुछ अपनी प्रतिक्रिया जरूर देंगे।
तेजस्वी बने इस विभाग के मंत्री
एक तरफ तेजप्रताप यादव का जहां कद घटा है तो वहीं दूसरी तरफ उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के पास मंत्रालयों की भरमार है। उन्हें स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग मिला है। पिछली महागठबंधन की सरकार में भी तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण विभाग था। हालांकि, तेजप्रताप एक मंत्रालय मिलने के बाद सियासी बाजार गरम बताया जा रहा है।
इन वजहों से तेजप्रताप का कद घटा
राजनीतिक जानकारों की माने तो महागठबंधन की सरकार में आरजेडी ताकतवर है। आरजेडी खेमे से जो भी मंत्री बना है उसमें तेजस्वी यादव का ही फैसला रहा होगा। बताया ये भी जा रहा है कि तेजप्रताप के विभाग में कटौती को लेकर तेजस्वी का ही फैसला रहा होगा। इसकी पीछे की वजह को लेकर यही बात सामने आ रही है कि तेजप्रताप यादव अक्सर पारिवारिक विवादों में रहते हैं। जिसकी वजह से पार्टी व परिवार को कभी-कभी असहज होना पड़ता है। शायद इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर हुए आरजेडी की ओर से ये फैसला लिया गया है।
तेजप्रताप का रहा विवादों से नाता
गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान भी मान चुके हैं कि घर में वह लालू यादव का ही कहा मानते है। इससे साफ जाहिर होता है कि उनसे संबंधित हर विवादों का लालू ही समाधान कर सकते हैं। परिवार से लेकर पार्टी तक के विवादों में अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भी कई बार कथित तौर पर उन पर मारपीट का आरोप लगाया है। ऐसे में तेजस्वी की ओर से ये सोचा समझा कदम बताया जा रहा है।
Created On :   16 Aug 2022 6:32 PM IST