रामपुर में पुरानी प्रतिद्वंद्वियों की नई पीढ़ी चुनावी समर में आपस में टकराती नजर आएंगी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अपना दल (एस) ने रामपुर की सूआर विधानसभा सीट से हैदर अली खान को मैदान में उतारा है। हैदर रामपुर के शाही परिवार से हैं और कांग्रेस की दिग्गज नेता और रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के पोते हैं, जिनकी आजम के साथ प्रतिद्वंद्विता राजनीतिक हलकों में अच्छी तरह से जानी जाती है। कांग्रेस ने 13 जनवरी को हैदर को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्होंने अपना दल (एस) में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी से नाता तोड़ लिया।
2014 के बाद यह पहला मौका है जब भाजपा की सहयोगी पार्टी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। 2017 के विधानसभा चुनावों में, अपना दल ने 11 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। सभी गैर-मुस्लिम थे और नौ सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी को कम से कम 15 सीटें मिलने की उम्मीद है। एसेक्स विश्वविद्यालय से 32 वर्षीय स्नातक हैदर, सूआर और बिलासपुर (अब विलुप्त) से चार बार विधायक रहे नवाब काजि़म अली खान के पुत्र हैं।
काजि़म ने 2017 का चुनाव बसपा के टिकट पर सूआर से लड़ा था, लेकिन 2017 में सपा उम्मीदवार और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से लगभग 65,000 मतों के अंतर से हार गए थे। काजिम अली खान भाजपा की लक्ष्मी सैनी से तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 26 फीसदी वोट मिले। दिसंबर 2019 में, अब्दुल्ला ने अपने चुनावी हलफनामे में विसंगतियों के आरोप में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता खो दी थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता काजिम अली थे। फरवरी 2020 में, अब्दुल्ला, उनके पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा के साथ उनके खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामलों के सिलसिले में जेल भेजे गए थे। भाजपा ने रामपुर से सूआर के पूर्व भाजपा विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को पहले ही मैदान में उतारा है। उन्होंने आजम खान के खिलाफ कथित रूप से जमीन हथियाने के मामलों को आगे बढ़ाया। भाजपा के सहयोगी उम्मीदवार के रूप में हैदर की उम्मीदवारी तब भी आ रही है जब अब्दुल्ला आजम सूआर से फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   24 Jan 2022 12:00 PM IST