झारखंड में डॉक्टरों को छुट्टी पर जाने के लिए मेडिकल बोर्ड से लेनी होगी मंजूरी, सरकार ने जारी किया आदेश

In Jharkhand, doctors will have to take approval from the medical board to go on leave, the order issued by the government
झारखंड में डॉक्टरों को छुट्टी पर जाने के लिए मेडिकल बोर्ड से लेनी होगी मंजूरी, सरकार ने जारी किया आदेश
रांची झारखंड में डॉक्टरों को छुट्टी पर जाने के लिए मेडिकल बोर्ड से लेनी होगी मंजूरी, सरकार ने जारी किया आदेश

डिजिटल डेस्क, रांची। सरकारी-गैरसरकारी संस्थानों और दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को मेडिकल लीव के लिए डॉक्टरों से सर्टिफिकेट लेना पड़ता है, लेकिन अब झारखंड में झारखंड के सरकारी हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों के लिए खुद की बीमारी के नाम पर छुट्टी लेना आसान नहीं होगा। सिक लीव के लिए उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर होना होगा। बोर्ड की सिफारिश पर ही उन्हें सिक लीव की इजाजत मिल सकेगी।

झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के आदेश पर इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक राज्य के सभी 24 जिलों में तीन सदस्यों वाला मेडिकल बोर्ड गठित किया जायेगा। इस बोर्ड में सिविल सर्जन, एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर और एक विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होंगे। नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई डॉक्टर मेडिकल लीव पर जा रहे हैं तो उन्हें एक हफ्ते के अंदर मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर होना होगा। छुट्टी के लए आवेदन करने वाले डॉक्टरों के हेल्थ चेकअप के बाद मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के बाद ही छुट्टी मंजूर की जा सकेगी।

अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सरकारी ह़ॉस्पिटल्स, स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों, शिक्षकों और मेडिकल ऑफिसर्स की छुट्टियों के आवेदनों की रिव्यू के दौरान यह पाया गया है कि वे कई बार सक्षम पदाधिकारी की इजाजत के बिना छुट्टी पर चले जाते हैं। यह झारखंड हेल्थ सर्विस रेग्युलेशंस की धारा 152 का उल्लंघन है। इस तरह का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार उचित नहीं है। कार्मिक प्रशासनिक विभाग ऐसे अफसरों और डॉक्टरों के विरुद्ध समुचित अनुशासनिक कार्रवाई करेगा। पत्र में यह भी कहा है कि मई महीने में ही यह निर्देश जारी किया गया था कि डॉक्टर सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही छुट्टी पर जायेंगे। इसके बावजूद जो डॉक्टर सरकार के निदेशरें का उल्लंघन कर रहे हैं, उनपर प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी। यह पत्र सभी जिलों के सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों को भेजा गया है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   10 Oct 2022 3:01 PM IST

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