परंदूर हवाईअड्डे के निर्माण के लिए लोगों की सहमति नहीं ली तो आंदोलन होगा : ओपीएस
- जल निकायों के संबंध में आईआईटी-मद्रास से परामर्श
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अन्नाद्रमुक के पूर्व नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) ने गुरुवार को कहा कि अगर पारंदूर में हवाईअड्डा के निर्माण के लिए लोगों की सहमति नहीं ली गई तो पार्टी राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।
पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि यदि लोग पारंदूर में निर्दिष्ट स्थल पर हवाईअड्डे के निर्माण के लिए अपनी सहमति देने के इच्छुक नहीं हैं, तो परियोजना को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाना चाहिए। जिस तरह से परियोजना को लेकर जनसुनवाई की गई, उसका उन्होंने विरोध किया।
गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने हवाईअड्डे के निर्माण के लिए कांचीपुरम जिले के परांदूर के पास के 13 गांवों में जमीन लेने के लिए बाजार मूल्य के 3.5 गुना मुआवजा देने की पेशकश की है। तमिलनाडु सरकार ने यह भी कहा है कि 2013 में बनाए गए कानून के तहत जनहित में हवाईअड्डे के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
जिन लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, उन्हें सरकार ने प्रस्तावित हवाईअड्डा स्थल के पास वैकल्पिक जमीन की पेशकश भी की है। इन 13 गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सरकारी रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री ई.वी. वेलू ने यह भी कहा है कि सरकार गांवों में जल निकायों के संबंध में आईआईटी-मद्रास से परामर्श करेगी।
तमिलनाडु सरकार ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक नए हवाईअड्डे का प्रस्ताव दिया है, क्योंकि मीनांबकम में मौजूदा हवाईअड्डा 2029 तक मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं होगा। चार साइटों को सूचीबद्ध किया गया था - परंदूर, पदलम, पन्नूर और तिरुपुर। जबकि पडलम और तिरुपुरूर को परमाणु प्रतिष्ठानों के करीब होने के कारण सूची से हटा दिया गया था। माना जाता है कि परंदूर में हवाईअड्डे के निर्माण के लिए हटाए जाने वाले घरों की संख्या पन्नूर की तुलना में कम होगी।
आईएएनएस
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Created On :   16 Sept 2022 2:00 AM IST