एक के बाद एक विपक्षी नेताओं पर कैसे कसता चला गया ईडी का शिकंजा? जानें इसके पीछे की वजह

How did the ED tighten its grip on opposition leaders one after the other?, know the reason behind it
एक के बाद एक विपक्षी नेताओं पर कैसे कसता चला गया ईडी का शिकंजा? जानें इसके पीछे की वजह
मनी लॉण्ड्रिंग केस में ईडी का एक्शन एक के बाद एक विपक्षी नेताओं पर कैसे कसता चला गया ईडी का शिकंजा? जानें इसके पीछे की वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के विपक्षी नेताओं पर इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे नेताओं के घर पर ताबड़तोड़ ईडी की ओर से छापे मारी जारी है। कई नेताओं को ईडी जहां पूछताछ के लिए बुला रही है तो वहीं कुछ को हिरासत में भी ले लिया है। हाल ही में ईडी ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी व उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को बीते 5 अगस्त तक हिरासत में रखा था। अर्पिता के घर पर ईडी की छापेमारी में करोड़ों रूपए बरामद हुए थे।

जिसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी पर कार्रवाई करते हुए अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। उधर ईडी की ओर से जारी कार्यवाही को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार अपने खिलाफ बढ़ते हुए विरोध की वजह से विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। विपक्षी दलों का ये भी कहना है कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर बीजेपी विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। आइए जानते हैं कि किन मामलों में ईडी विपक्षी नेताओं पर अपना शिकंजा कसती जा रही है।

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उनके बेटे राहुल गांधी से पूछताछ की है। इस दौरान कांग्रेस की तरफ से भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था। हाल ही में इस केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बीते 26 जुलाई को ही ईडी की पूछताछ खत्म हुई। इन दोनों नेताओं पर नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि मामला यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की नई कंपनी और एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड के बीच हुए सौदे का है।

यंग इंडिया में सोनिया व राहुल के साथ ही ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा, मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे को डॉयरेक्टर बनाया गया था। इस कंपनी में 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नाम है। जबकि 24 फीसदी शेयर अन्य डॉयरेक्टर के पास है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने इस नई कंपनी को 90 करोड़ रूपए कर्ज के तौर पर इस दिए और बाद में इसी कंपनी को अधिगृहित भी कर लिया। ईसी मामले को लेकर ईडी कांग्रेस नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चला रही है। 

संजय राउत भी फंसे मनी लॉण्ड्रिंग केस में

शिवसेना सांसद भी ईडी के शिकंजे में बुरी तरह फंसते हुए दिख रह हैं। राउत भी अपनी पत्नी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की वजह से ईडी की जांच के दायरे में है। संजय राउत व उनकी पत्नी पर ईडी मुंबई के गोरेगांव उपनगर की पात्रा चॉल घोटाला मामले में केस चला रही है। इस केस में गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तभी से संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा राउत ईडी के निशाने पर थे।

इस मामले में आरोपी संजय राउत व उनकी पत्नी वर्षा को पाचं अगस्त को ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। बीते 31 जुलाई को शिवसेना सांसद संजय राउत को ईडी ने हिरासत में लिया था। उनके घर पर 11.50 लाख रूपए भी बरामद किए गए थे। गौरतलब है कि अदालत की ओर से राउत को चार दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है।

टीएमसी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी भी ईडी के दायरे में

तृणमूल कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी साथी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि इन दोनों पर साल 2014 से साल 2021 के बीच पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में करोड़ों रूपए के भर्ती घोटाले के आरोप पर कार्रवाई की गई थी। इसी मामले में आरोपियों की पांच अगस्त को कोलकाता की अदालत ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की जमानत की याचिका सुनने से भी इंकार कर दिया। अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी भी ईडी के निशाने पर

पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद व सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय के जांच के दायर में है। टीएमसी सांसद अभिषेक पर बंगाल में कोयले घोटाले का आरोप लगा है। इसी मामले को लेकर ईडी के जांच का सामना कर रहे हैं।

आप नेता सत्येंद्र जैन भी ईडी के दायरे में

आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन भी ईडी के जांच के दायरे में है। बीते 30 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2017 में दर्ज किए एक केस के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में आप नेता जैन को गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन पर दिल्ली में जमीन खरीदने में काले धन का पैसा लगाने का आरोप है। 

पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी भी ईडी के निशाने पर

पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी पर ईडी अपना शिकंजा कस रहा है। साल 2018 में उनके भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के अवैध रेत खनन मामले में पूछताछ के लिए ईडी उन्हें भी तलब कर चुकी है। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा काफी गरमाया था।

एनसीपी नेता अजीत परिवार भी ईडी के दायरे में

एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे अजित पवार ने अपने परिवार के सदस्यों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी के शिकंजे में हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि कई बेनामी संपत्तियों में अवैध धन का इस्तेमाल किया गया था। जिन्हें हाल ही में कुर्क भी किया गया था।

फारूक अब्दुल्ला पर ईडी ने कसा शिकंजा

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी मनी लॉण्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं। यह केस जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में 113 करोड़ रूपए की अनियमितता का है। गौरतलब है कि जब ये घोटाला हुआ था, तब अब्दुल्ला जेकेसीए के मुखिया थे। बीते मई माह में ईडी ने उनके खिलाफ एक अतिरिक्त चार्जशीट दायर की थी। ऐसे में फारूक अब्दुल्ला की भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।


 

Created On :   7 Aug 2022 12:16 AM IST

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