कोरोना: राज्यसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- लॉकडाउन का फैसला ऐतिहासिक, अगले साल के शुरूआत तक भारत को मिलेगी वैक्सीन

Health Minister Harsh Vardhan in Rajya Sabha COVID19 vaccine in India PM Modi efforts fight Corona
कोरोना: राज्यसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- लॉकडाउन का फैसला ऐतिहासिक, अगले साल के शुरूआत तक भारत को मिलेगी वैक्सीन
कोरोना: राज्यसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- लॉकडाउन का फैसला ऐतिहासिक, अगले साल के शुरूआत तक भारत को मिलेगी वैक्सीन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को राज्यसभा में कोरोना वायरस पर बयान दिया। सदन में स्वास्थ्य मंत्री ने देश में कोविड-19 की स्थिति और इसके रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, जनवरी से ही पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है। केंद्र सरकार भी लगातार इससे निपटने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए लगाया गया लॉकडाउन मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला था।

वहीं कोरोना की दवाई को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कोरोना वैक्सीन अगले साल की शुरूआत तक देश में उपलब्ध हो जाएगी। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत में कोविड के मामलों की संख्या 51 लाख के पार पहुंच चुकी है और देशवासी बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं।

2021 की शुरुआत में आएगी कोरोना की वैक्सीन
डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा,अन्य देशों की तरह भारत भी वैक्सीन के लिए प्रयास कर रहा है। तीन वैक्सीन कैंडिडेट का परीक्षण अलग-अलग चरणों में है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विशेषज्ञों का एक समूह इसे देख रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरूआत तक भारत में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा, देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। 17 जनवरी को देश के सभी राज्यों को कोरोना के बारे में बताया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने देश के मन को देखा, जनता कर्फ्यू से लोगों को आगाह किया, फिर लॉकडाउन का ऐलान किया। लॉकडाउन का फैसला ऐतिहासिक था। इसके कारण पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ना सीख गया।

कोरोना से लड़ाई के लिए इतिहास में याद किए जाएंगे मोदी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा देश मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है। पिछले 8 महीनों से जिस तरह पीएम मोदी ने कोरोना से संबंधित छोटी से छोटी चीजों को बड़ी गहराई से मॉनिटर किया, लोगों को गाइड किया, उन्होंने सबकी सलाह ली। इसके लिए उन्हें इतिहास में याद किया जाएगा।

गौरतलब है कि, जायडस केडिला और भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए जा रहे दो टीके परीक्षण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद फिर से परीक्षण शुरू कर दिया है। कोविशिल्ड वैक्सीन उम्मीदवार की मैन्यूफेक्चरिंग में भारत भागीदार है, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। पुणे की फर्म एसआईआई देश में 17 परीक्षण स्थलों पर परीक्षण कर रही है।

इसके अलावा रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड ने भारत में स्पुतनिक-5 वैक्सीन के वितरण पर सहयोग करने पर सहमति जताई है। स्पुतनिक को रूस के गेमेल्या साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा विकसित किया गया था, जिसका 11 अगस्त को रजिस्ट्रेशन किया गया था। आरडीआईएफ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा।

 

Created On :   17 Sept 2020 3:32 PM IST

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