मुद्दों से भटकाने का तरीका है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। कांग्रेस ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का महंगाई, बेरोजगारी और रुपये की गिरावट जैसे गंभीर मुद्दों से भटकाने का तरीका कहा है। कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने कहा कि पूजास्थल अधिनियम, 1991 के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए, नहीं तो पूजास्थल के दर्जे में किसी तरह के बदलाव से बड़ा संघर्ष पैदा होगा।
अजय माकन ने पूजास्थलों पर यथास्थिति बरकरार रखे जाने की मांग करते हुए कहा,यह मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। हमें उम्मीद है कि न्याय होगा जैसा कि राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद मामले में हुआ था। वह विवाद भी 1991 के अधिनियम के आधार पर सुलझाया गया था। अधिनियम में कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 को किसी पूजास्थल का जो लक्षण था, उसे वैसे ही जारी रहने दिया जाये।
उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक कदम है। भाजपा महंगाई आदि के मुद्दों से लोगों को भटकाना चाहती है। हाल में ही पूर्व गृह मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य पी चिदंबरम ने कहा था कि पूजास्थलों पर यथास्थिति बरकरार रखी जानी चाहिए, नहीं तो बड़ा विवाद होगा। पी चिदंबरम ने कहा कि नरसिम्हा राव की सरकार ने यह अधिनियम पारित किया था।
सिर्फ राम जन्मभूमि इसके दायरे में नहीं आती थी। कांग्रेस ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पसोपेश की स्थिति में आ गई है। हाल में ही संपन्न हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस ने भाजपा का सामना करने के लिए सामाजिक और आर्थिक एजेंडे पर फोकस करने का निर्णय लिया है।
चिंतन शिविर में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा से अलग विचारधारा के अपने मूल सिद्धांत पर टिके रहने पर जोर दिया था लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद के मामले ने कांग्रेस की रणनीति को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पार्टी ने चिंतन शिविर में यह फैसला लिया था कि वह भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे का सामना आर्थिक और सामाजिक एजेंडे से करेगी। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वृहद स्तर पर लोगों तक पहुंच बनाने के लिए दो अक्टूबर से भारत जोड़ो पदयात्रा की भी घोषणा की है। कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग के मुद्दे को भी उठाकर भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग को प्रभावित करना चाहती है।
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Created On :   21 May 2022 8:30 PM IST