हार्दिक के इस्तीफे के अगले दिन गुजरात कांग्रेस के नेता नरेश पटेल से मिले
डिजिटल डेस्क, जयपुर। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को खोडलधाम के प्रबंध न्यासी और प्रभावशाली लेउवा पटेल नेता नरेश पटेल से मुलाकात की। पार्टी नेताओं ने बैठक के बाद दावा किया कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी, मगर स्थानीय सूत्रों ने दावा किया कि नरेश पटेल को पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस का निमंत्रण दिया गया, जिसका उन्होंने इस समय जवाब नहीं दिया।
यह बैठक पाटीदार नेता और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल के पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद हुई है। चर्चा है कि नरेश पटेल इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक में कदम रख सकते हैं। शर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी और टंकारा के विधायक ललित कागथरा सहित कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार सुबह नरेश पटेल से उनके फार्म हाउस पर मुलाकात की। बातचीत करीब 15 से 20 मिनट तक चली।
मुलाकात के बाद ठाकोर और धनानी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कुछ नहीं। लेकिन स्थानीय सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान शर्मा ने नरेश पटेल को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया। सूत्रों ने यह भी कहा कि शर्मा ने उन्हें बताया कि पार्टी उनके मार्गदर्शन, नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और उनके डिजाइन और इच्छा के अनुसार अभियान की योजना बनाई जाएगी। सूत्रों ने कहा कि नरेश पटेल ने प्रतिनिधिमंडल को चाय-नाश्ता देने की पेशकश की, लेकिन पार्टी में शामिल होने के निमंत्रण का कोई जवाब नहीं दिया।
बाद में ठाकोर और धनानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी की जोनल बैठक राजकोट में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के आगामी प्रस्तावित दौरे की तैयारी के लिए की गई थी, इसलिए उन्होंने नरेश पटेल से मुलाकात करने के अवसर का उपयोग किया। इस बीच, कांग्रेस द्वारा नरेश पटेल के साथ बैठक के बारे में बोलने से पहले हार्दिक पटेल ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कांग्रेस नेताओं और नरेश पटेल के बीच बैठक केवल 15 मिनट तक चली और सोचा कि उन 15 मिनटों में क्या साजिश रची होगी।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी में दो सिद्धांत चल रहे हैं। एक समूह है जो मानता है कि अगर नरेश पटेल कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो इससे पार्टी को पाटीदार वोट बैंक में गहरी पैठ बनाने में मदद मिलेगी। उन्हें पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में भी पेश किया जा सकता है। दूसरा सिद्धांत यह है कि यदि नरेश पटेल को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया जाता है, तो ओबीसी और अन्य प्रतिबद्ध वोट बैंक खुद को कांग्रेस से दूर कर लेंगे, और चूंकि यह पार्टी का कोर बैंक है, इसलिए पार्टी इसे खोने का जोखिम नहीं उठा सकती।
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Created On :   19 May 2022 7:30 PM IST