ग्रेटर नोएडा ज्ञान पार्क 60 प्रतिशत भारतीयों के सभी डेटा को सुरक्षित करेगा

Greater Noida Knowledge Park will secure all data of 60 percent Indians
ग्रेटर नोएडा ज्ञान पार्क 60 प्रतिशत भारतीयों के सभी डेटा को सुरक्षित करेगा
डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा ज्ञान पार्क 60 प्रतिशत भारतीयों के सभी डेटा को सुरक्षित करेगा

डिजिटल डेस्क, ग्रेटर नोएड़ा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े और राज्य के पहले डाटा सेंटर का उद्घाटन करने के लिए 31 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा आ रहे हैं। इस परियोजना का पहला चरण दो साल में पूरा किया गया है और यह पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।

इस डाटा सेंटर में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के करोड़ों यूजर्स के डाटा और बैंकिंग, बिजनेस से जुड़े डाटा, स्वास्थ्य देखभाल और यात्रा के साथ करीब 60 फीसदी नागरिकों का डाटा सुरक्षित रखा जाएगा।

डेटा सेंटर क्या है?

बड़ी कंपनियां अब धीरे-धीरे लोगों के डेटा सेंटर बनाने पर जोर दे रही हैं। डाटा सेंटर एक ऐसी जगह होती है जहां डाटा स्टोरेज के साथ-साथ सूचनाओं की प्रोसेसिंग भी की जाती है, इसे एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की जिम्मेदारी भी इसी के अंतर्गत आती है।

इन केंद्रों में बड़ी संख्या में सर्वर स्थापित किए जाते हैं और जानकारी को सुरक्षित रखा जाता है। यदि किसी विशेष कंपनी द्वारा किसी डेटा की आवश्यकता होती है, तो उन्हें वह प्रदान किया जाता है।

यह डाटा सेंटर कितना बड़ा होगा?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 15 अक्टूबर, 2020 को नॉलेज पार्क 5 में 81,000 वर्ग मीटर भूमि हीरानंदानी समूह को एक डेटा सेंटर बनाने के लिए लगभग 116 करोड़ रुपये में आवंटित की थी। पहले टॉवर का उद्घाटन जुलाई, 2022 में करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन महामारी के कारण इसमें देरी हो गई।

यह अब पूरा हो चुका है और 30 मेगावाट डेटा स्टोर कर सकता है। इस सेंटर पर कुल 6 टावर बनाए जाएंगे।

अधिकारियों के मुताबिक केंद्र में करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 1,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इसके अलावा, 30 मेगावाट डेटा स्टोर करने की क्षमता वाले दो और टावरों का निर्माण जनवरी, 2022 में शुरू किया गया था और जुलाई, 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।

बिजली की प्रचुर खपत-

नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने केंद्र को बिजली आपूर्ति के लिए कमर कस ली है। पूरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में, 84 सोसायटियों, 10 मॉल, 31 निमार्णाधीन परियोजनाओं और 15 से अधिक स्कूलों की बिजली की मांग गर्मियों में 130 मेगावाट तक पहुंच गई, लेकिन अकेले केंद्र लगभग 200 मेगावाट बिजली की खपत करेगा।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

साइबर विशेषज्ञ कनिका सेठ ने आईएएनएस को बताया कि, केंद्र के आकार के साथ आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की आवश्यकता बढ़ेगी। एक डाटा सेंटर के लिए कम से कम 5 साल तक डाटा स्टोर करना बहुत जरूरी है, इसलिए इसकी क्षमता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि, जब सोशल मीडिया के डेटा के साथ-साथ महत्वपूर्ण डेटा सेंटर में स्टोर किया जाएगा, तो सुरक्षा के कई पदों पर होना आवश्यक होगा। आंतरिक उच्च स्तरीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि कोई भी घुसपैठिया साइबर हमले के माध्यम से डेटा को नुकसान या छेड़छाड़ न कर सके।

राज्य के इस पहले केंद्र में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें शामिल हैं, इसलिए यह माना जा सकता है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   30 Oct 2022 10:30 AM IST

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