लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने पर सरकार का जवाब, कहा पहले ही इसके उद्देश्य का ध्यान रखा जा रहा है

Governments reply on inclusion of Ladakh in the sixth schedule, said its purpose is already being taken care of
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने पर सरकार का जवाब, कहा पहले ही इसके उद्देश्य का ध्यान रखा जा रहा है
नई दिल्ली लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने पर सरकार का जवाब, कहा पहले ही इसके उद्देश्य का ध्यान रखा जा रहा है
हाईलाइट
  • समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल किए जाने की संभावना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीधा जवाब देने से बचते हुए एक संसदीय पैनल को सूचित किया कि उक्त अनुसूची के तहत जनजातीय आबादी को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य उनके समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है, जिसे केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन इसके निर्माण के बाद से ही कर रहा है।

गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में जनजातीय आबादी 2,18,355 है, जो कुल 2,74,289 आबादी का 79.61 प्रतिशत है। समिति ने सिफारिश की कि आदिवासी आबादी की विकासात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लद्दाख को विशेष दर्जा दिया जा सकता है।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि समिति आगे सिफारिश करती है कि पांचवीं या छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की संभावना की जांच की जा सकती है। इसका जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि आदिवासी आबादी को पांचवीं/छठी अनुसूची के तहत शामिल करने का मुख्य उद्देश्य उनके समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है, जिसे केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासन अपने निर्माण के बाद से ही देख रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि लद्दाख की समग्र विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की जा रही है। इसमें ये भी कहा गया है कि लद्दाख प्रशासन ने हाल ही में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीधी भर्ती में आरक्षण को 10 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया है, जिससे आदिवासी आबादी को इसके विकास में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने लेह और कारगिल में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें कई लोगों ने छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जे के साथ-साथ लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।

 

आईएएनएस

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Created On :   14 Dec 2022 1:30 PM IST

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