जन सुराज यात्रा के 152 दिन बाद भी प्रशांत किशोर ने अगले कदम पर साधी चुप्पी

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पटना जन सुराज यात्रा के 152 दिन बाद भी प्रशांत किशोर ने अगले कदम पर साधी चुप्पी

डिजिटल डेस्क, पटना। एक ऐसे राज्य में जहां जाति की राजनीति अन्य सभी मुद्दों पर हावी है, कुशल राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार और नरेंद्र मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए सामाजिक, वित्तीय, शैक्षिक और सांस्कृतिक मुद्दों को उठाने पर अड़े हुए हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि कोई व्यक्ति बिहार में यात्रा क्यों कर रहा है। प्रशांत किशोर ने दावा किया कि वह बिहार के आम लोगों के विचार ले रहे हैं कि क्या वह एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने जा रहे हैं या अपनी पदयात्रा को केवल एक जागरूकता अभियान तक सीमित रखेंगे।

जन सुराज टीम के एक पदाधिकारी के अनुसार, पदयात्रा के दौरान संगठन ने पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज जिलों सहित कुछ जगहों पर बातचीत की है। प्रत्येक कार्यक्रम में भाग लेने वाले 5000 से 6000 लोगों ने बिहार में एक राजनीतिक दल के गठन के लिए मतदान किया है।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक अधिकारी ने कहा, हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि जन सुराज अभियान एक राजनीतिक दल में बदल जाएगा, हालांकि इसकी संभावना प्रबल है। प्रशांत किशोर ने बिहार में 152 दिनों में लगभग 1700 किलोमीटर की यात्रा की है और उन्हें पदयात्रा पूरी करने की उम्मीद है।

बिहार में राजनीतिक अभियान परिवर्तनकारी दौर में है। ऐसे समय में जब राजनीतिक दल रैलियों पर निर्भर हैं, उन्होंने लोगों से निकटता से जुड़ने के लिए रोड शो किया, जो पदयात्रा में बदल गया।

पदयात्रा भारत में कोई नई घटना नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित कई नेताओं ने इसे कई मौकों पर अंजाम दिया है। महात्मा के समय में परिवहन व्यवस्था अच्छी तरह से विकसित नहीं थी और इसलिए पदयात्रा लोगों से जुड़ने का एक प्रभावी माध्यम थी। यही थ्योरी इन दिनों अपनाई जा रही है।

जन सुराज अभियान के तहत बिहार में 3000 किलोमीटर पदयात्रा की घोषणा करने वाले प्रशांत किशोर पहले व्यक्ति हैं। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने सबसे पहलेोहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर सफलता प्राप्त की, जो कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 3600 किमी से अधिक पैदल चले। प्रशांत किशोर की पदयात्रा अभी पूरी नहीं हुई है।

भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा समेत बिहार के कई नेता अपने-अपने तरीके से यात्राएं कर रहे हैं। प्रशांत किशोर अपनी यात्रा में राज्य और केंद्र सरकारों को लक्षित करने के लिए स्थानीय मुद्दों को उठा रहे हैं। सीवान में पदयात्रा करते हुए उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार का स्वच्छता मिशन पूरी तरह से फेल हो गया है। हर गांव में लोग खुले में शौच कर रहे हैं।

उन्होंने बिहार की नीतीश-तेजस्वी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा, वोटर नाली-गली (नाली-गली) के मुद्दों पर वोट नहीं देंगे। मतदाता पलायन, किसान, बेरोजगारी, जैसे मुद्दों पर वोट डालेंगे। किशोर ने कहा कि किसानों की कमाई सरप्लस नहीं है। उनमें से अधिकांश केवल अपने परिवारों के अस्तित्व के लिए खेती में शामिल हैं।

इस तरह के बयान उन्हें पदयात्रा के दौरान मिल रहे फीडबैक पर आधारित हैं। किशोर में स्थानीय भाषा में प्रभावी ढंग से लोगों से संवाद करने की क्षमता है। हालांकि, प्रशांत किशोर के तटस्थ ²ष्टिकोण ने यह आभास दिया कि वे एक राजनीतिक दल बनाएंगे। मतदाताओं से पहले किशोर को अपना राजनीतिक भविष्य तय करना है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   5 March 2023 1:30 PM IST

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