चुनाव आयोग ने नगालैंड के चार मतदान केंद्रों पर बुधवार को फिर से मतदान कराने का आदेश दिया
- मतदान शांतिपूर्ण रहा
डिजिटल डेस्क, कोहिमा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को नागालैंड के चार मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की घोषणा की, जहां सोमवार को विधानसभा चुनाव हुए थे, अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मतदान बुधवार को सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक न्यू कॉलोनी मतदान केंद्र (जुन्हेबोटो विधानसभा क्षेत्र), पंगती-वी (सानिस विधानसभा क्षेत्र), जाबोका गांव (तिजित विधानसभा क्षेत्र), और पाथसो ईस्ट विंग (थोनोही विधानसभा क्षेत्र) में होगा।
चुनाव आयोग ने नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वी. शशांक शेखर को लिखे पत्र में कहा है कि सामान्य पर्यवेक्षकों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर और सभी भौतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आयोग चार मतदान केंद्रों पर 27 फरवरी को हुए मतदान को शून्य घोषित करता है और 1 मार्च (बुधवार) को नए मतदान की तारीख तय करता है।
नागालैंड में चुनाव अधिकारियों ने मीडिया को चार मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान के कारणों के बारे में नहीं बताया। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में सोमवार को मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।
वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया जिसमें तीन लोग घायल हो गये। वोखा और मोन जिलों से भी अंडरग्राउंड उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव की सूचना मिली थी, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए थे।
सोमवार रात मीडिया को जानकारी देते हुए, शशांक शेखर ने कहा था कि पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक शांतिपूर्ण है और सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस बीच, नगालैंड सरकार ने सोमवार के मतदान के बाद जिले में तनाव को देखते हुए मंगलवार को पूरे किफिर जिले में तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक सभी सेवा प्रदाताओं के मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवा के उपयोग पर रोक लगा दी।
नागालैंड के गृह आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने अधिसूचना में कहा कि मैसेजिंग सेवाओं जैसे एसएमएस और व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अफवाहें फैलाने, झूठी सूचना देने और भड़काऊ पाठ, चित्र, वीडियो आदि प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
आईएएनएस
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Created On :   1 March 2023 12:31 AM IST