शिवसेना के बागी शिंदे और दूसरे विधायकों को मिल गया नया ठिकाना, राज ठाकरे की पार्टी में जल्द होंगे शामिल, फोन कॉल पर हुई ये बातें!
डिजिटल डेस्क मुंबई। महाराष्ट्र में एक सप्ताह से सियासी संकट जारी है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच अब बयानबाजी तेज हो गयी है। लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से शिवसेना के बागी विधायकों की अगुआई करने वाले एकनाथ शिंदे की फोन पर हुई बातचीत के बाद से कई तरह के कयाय लगाए जा रहे हैं।
बता दें एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के दो तिहाई यानी 37 बागी विधायक गुवाहटी में पहुंचे हैं। यही नहीं एकनाथ शिंदे को कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। शिवसेना के गुट होने के साथ ही अब कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि दोनों ही गुट पार्टी पर अपना अधिकार जताने को लेकर भी तैयार है। क्योंकि अभी भले ही पार्टी की कमान उद्धव ठाकरे के पास है लेकिन एकनाथ शिंदे दावा कर रहे है कि उद्धव ठाकरे के ज्यादा विधायकों का समर्थन उनके साथ है।
एकनाथ शिंदे के साथ भले ही 37 से अधिक विधायकों के होने का दावा है इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवसेना के बागी विधायकों पर दलबदल कानून नहीं लग सकता अर्थात उनकी सदन में सदस्यता बनी रहेगी। लेकिन सवाल यह है कि अगर एकनाथ शिंदे का गुट नयी पार्टी बनाना चाहता है या फिर कुछ और निर्णय लेगा।
राज ठाकरे की पार्टी में शामिल हो सकता है शिंदे गुट
एकनाथ शिंदे द्वारा ऐसे समय में राज ठाकरे से फोन पर बात करने के बहुत सारे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे की राजनीति विचारधारा एक है। हालांकि इस समय राज ठाकरे सर्जरी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। इसी दौरान एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे को फोन किया था। महाराष्ट्र के सियासी संकट का मामला अब अदालत में पहुंच चुका हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के अध्यक्ष राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे पुराने मित्र भी हैं। राज ठाकरे ने हाल ही में लाउड स्पीकर मामले में उद्धव सरकार के खिलाफ बड़ी रैलियां की थी। राज ठाकरे ने भी उद्धव सरकार पर हिन्दुत्व को लेकर की सवाल किए थे वहीं शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे भी उद्धव पर यही आरोप लगा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे अब बाल ठाकरे के हिंदुत्व को भूल गए है। शिंदे ने अपने एक बयान में यह भी कहा कि वह असली शिवसैनिक हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि एकनाथ शिंदे का गुट राजठाकरे की पार्टी मनसे में शामिल हो सकते है। हालांकि बागी विधायकों के पास बीजेपी में शामिल होने का भी ऑप्शन है लेकिन खबर यह है कि इनमें से कुछ विधायक बीजेपी में शामिल होने से मना कर रहे हैं। ऐसे में अगर उनको तलाश होगी की कौन सी पार्टी बाला साहेब के आदर्शों को लेकर आगे बढ़ रही तो शायद उनकी तलाश महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पर खत्म हो। हालांकि यह केवल अनुमान है यह तो वक्त ही बताएगा कि एकनाथ शिंदे का गुट क्या फैसला लेता है। हालांकि शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने राज ठाकरे की पार्टी में विलय की अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि हम एमएनएस में अपने गुट का विलय नहीं करेंगे।
Created On :   27 Jun 2022 4:02 PM IST