द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने सोमवार की रात कोलकाता पहुंचेंगी

Draupadi Murmu will reach Kolkata on Monday night seeking support
द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने सोमवार की रात कोलकाता पहुंचेंगी
पश्चिम बंगाल द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने सोमवार की रात कोलकाता पहुंचेंगी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रचार करने के लिए सोमवार रात कोलकाता पहुंचेंगी और मंगलवार को उनका कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा।

वह मूल रूप से 9 जुलाई को कोलकाता जाने वाली थीं। हालांकि, पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद मनाए गए राष्ट्रीय शोक के बाद अंतिम समय में उस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।

पता चला है कि मुर्मू मंगलवार को अपने दिन की शुरुआत उत्तरी कोलकाता के शिमला स्ट्रीट स्थित स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास पर जाकर करेंगी। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के 16 निर्वाचित लोकसभा सदस्यों और भाजपा के 69 निर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगी।

इस समय भाजपा की संख्या 70 है। हालांकि, राज्य भाजपा नेतृत्व ने जानबूझकर उत्तर 24 परगना जिले के भाटपारा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के निर्वाचित विधायकों पवन सिंह को बैठक में मुर्मू के साथ शामिल होने वाले विधायकों की सूची से बाहर रखा है।

सिंह उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर से पूर्व भाजपा लोकसभा सदस्य अर्जुन सिंह के बेटे हैं, जो हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में वापस गए हैं। राज्य भाजपा सूत्रों ने कहा कि जब से अर्जुन सिंह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनके बेटे ने अभी तक इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है कि वह भाजपा के साथ बने रहेंगे या अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगे और इसलिए उन्हें सूची से बाहर रखा गया है।

हालांकि, मंगलवार को मुर्मू के कार्यक्रम में राज्य विधानसभा के किसी भी संभावित दौरे पर कोई कार्यक्रम नहीं है, जो 9 जुलाई को निर्धारित कार्यक्रम है।

जब मुर्मू कोलकाता में होंगी, तो वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के नए बोर्ड के गठन पर समारोह में भाग लेने के लिए दार्जिलिंग की पहाड़ियों में होंगी।

मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि अगर भाजपा ने उन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की अपनी पसंद के बारे में पहले ही सूचित कर दिया होता, तो वह आदिवासी पृष्ठभूमि की महिला उम्मीदवार मुर्मू का समर्थन करने पर विचार कर सकती थीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि यशवंत सिन्हा पहले ही संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं, इसलिए वह अकेले चुनाव में बदलाव पर निर्णय नहीं ले सकती हैं। उनकी टिप्पणियों को पहले ही कांग्रेस और सीपीआई-एम की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने बिना शर्त भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों के साथ अपने पिछले जुड़ाव के बावजूद सिन्हा का समर्थन किया था।

 

सॉर्स- आईएएनएस

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Created On :   11 July 2022 1:00 PM IST

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