भक्तों ने गोवा में दलबदलुओं को सबक सिखाने के लिए की प्रार्थना, भगवान को 9 केले चढ़ाए
डिजिटल डेस्क, पणजी। कांग्रेस के आठ दलबदलु विधायकों की कारस्तानी से नाराज कुछ कट्टर भक्तों ने रविवार को मापुसा में भगवान बोदगेश्वर को सुपारी और पान के पत्तों के साथ नौ केले चढ़ाए और प्रार्थना की कि भगवान उन्हें सबक जरूर सिखाएं। उत्तरी गोवा के मापुसा स्थित भगवान बोदगेश्वर मंदिर में जुटे इन श्रद्धालुओं ने कहा कि आठ केले दलबदलुओं के नाम हैं और नौवां केला उन लोगों के नाम है, जिन्होंने पार्टी में उनका स्वागत किया है।
14 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत सहित कांग्रेस के आठ विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इनमें कामत के अलावा माइकल लोबो, दलीला लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई, अलेक्सो सिकेरा और रूडोल्फ फर्नांडीस शामिल हैं। कामत ने अपने फैसले को यह कहते हुए सही ठहराया था कि भगवान के मार्गदर्शन में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
भगवान बोदगेश्वर के इन भक्तों को काफी गहरा झटका लगा क्योंकिइन दलबदलुओं ने चर्च, दरगाह और मंदिर में देवताओं के सामने शपथ ली थी कि वे पार्टी को धोखा नहीं देंगे, उन्होंने न केवल मतदाताओं को बल्कि भगवान को भी धोखा दिया है। कामत ने कहा, भगवान ने मुझसे कहा था कि आप निर्णय लें, मैं आपके साथ हूं। इसलिए मैंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
अपने काम को कामत ने यह कहते हुए सही ठहराया कि, भगवान ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए कहा है। इसने देश भर में कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया। कामत ने आगे कहा, मैं वापस मंदिर गया और मैंने भगवान और देवी से पूछा कि मुझे क्या करना चाहिए। हमारे पास प्रसाद लेने की व्यवस्था है। भगवान ने कहा - आगे बढ़ो, चिंता मत करो।
एक भक्त ने कहा, गोवा के लोग आहत हैं क्योंकि इन दलबदलुओं ने भगवान से झूठ बोला है। हमने भगवान से प्रार्थना की है कि अगले 15 दिनों के भीतर वह उन्हें सबक सिखाएं। इन भक्तों ने पार्टी बदलने के लिए दिगंबर कामत, संकल्प अमोनकर, माइकल लोबो और उनकी पत्नी दलीला लोबो को निशाना बनाया।
उन्होंने सवाल किया, दिगंबर कामत को यह कहते हुए देखना अजीब है कि भगवान ने उनसे बात की थी। क्या इस उम्र में इस तरह बोलना उनके लिए उपयुक्त है? इन भक्तों ने कहा कि सभी आठ दोषियों को भविष्य में भगवान के साथ विश्वासघात करने के लिए बड़ा नुकसान होगा। भक्त ने कहा, अगर इन विधायकों में हिम्मत होती तो उन्हें इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहिए था।
(आईएएनएस)
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Created On :   18 Sept 2022 3:30 PM IST