दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल से कहा, सिसोदिया के निराधार पत्र पर संज्ञान लें

Delhis Lieutenant Governor told Kejriwal, take cognizance of Sisodias baseless letter
दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल से कहा, सिसोदिया के निराधार पत्र पर संज्ञान लें
दिल्ली दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल से कहा, सिसोदिया के निराधार पत्र पर संज्ञान लें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लिखे गए निराधार पत्र के साथ-साथ अन्य आप नेताओं द्वारा दिए गए भ्रामक बयानों का संज्ञान लेने को कहा है।केजरीवाल को शुक्रवार को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कहा, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निराधार पत्र और आपकी पार्टी के कई नेताओं द्वारा दिए गए भ्रामक बयानों पर कृपया संज्ञान लें। मुझे खेद है कि आप और आपके सहयोगी गरिमा की सभी सीमाओं को पार करने के अलावा अपने संवैधानिक कर्तव्यों और शासन की जिम्मेदारियों से लगातार भाग रहे हैं।

मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि मेरे द्वारा लिखित में जो विषय आपको बताए गए थे, वे सभी दिल्ली के आम नागरिकों की भलाई और सुशासन से जुड़े मुद्दे थे। सक्सेना ने कुल 11 मुद्दों पर विस्तार से अपने पत्र में रेखांकित किया कि ये सभी कार्य सीधे आपके और आपके अधीन विभागों से संबंधित हैं।

अफसोस की बात है कि आपने और आपकी पार्टी के सदस्यों ने इन सभी मुद्दों पर संतोषजनक कार्रवाई करने या उचित उत्तर देने के बजाय, गलतियों और कमियों को सामने लाने वाले व्यक्ति के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक, निराधार और झूठे आरोप लगाने के लिए हर तरह का सहारा लिया है ताकि ध्यान आकर्षित किया जा सके। मुद्दों से भटका जा सकता है।इसी कड़ी में मैंने एमसीडी पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आपके अन्य सहयोगियों द्वारा टोल टैक्स के मामले में लगाए गए आरोपों का तुरंत समाधान किया है। संज्ञान लेते हुए इस मामले से जुड़े तथ्यों पर संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

मेरे द्वारा तलब किये गये तथ्यात्मक प्रतिवेदन के अवलोकन से ज्ञात होता है कि समय पर राशि जमा न करने पर निगम ने एजेंसी के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई कर ठेका निरस्त कर दिया है।एजेंसी के खिलाफ लंबित बकाया की वसूली के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। यह भी बताया गया है कि इस मामले से जुड़े कई मामले सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, दिल्ली, हाई कोर्ट, बॉम्बे, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, तीस हजारी, दिल्ली में लंबित हैं।उन्होंने आगे कहा, मैं दोहराना चाहता हूं कि आम लोगों के जीवन से जुड़े मामलों पर मुझे या दिल्ली के लोगों को अभी तक आपसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।मुझे आशा है कि आप मेरे इस संदेश को सही अर्थों में लेटर ऑफ ड्यूटी के रूप में स्वीकार करेंगे, जिसे आप दिल्ली के गार्जियन से लव लेटर कह रहे हैं और इसमें संकेतित और निहित भाव और सलाह को आत्मसात करेंगे।अंत में मैं दोहराना चाहूंगा कि मेरी प्रतिबद्धता केवल और केवल भारत के संविधान और दिल्ली के लोगों के प्रति है और मैं इसी प्रेरणा से काम करता रहूंगा।

 

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Created On :   8 Oct 2022 4:00 PM IST

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