बंगाल के लिए बनी चिंता का विषय
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। जलभराव की चपेट में आने के कारण बिजली के करंट से बंधन नगर कॉलोनी की 13 वर्षीय अनुष्का नंदी और मोतीझील क्षेत्र की 12 वर्षीय स्नेहा बनिक की मौत के मामले ने राज्य सरकार की अक्षमता को उजागर किया है। पिछले दो दिनों में कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में जलभराव वाली सड़कों पर करंट लगने से 13 लोगों की मौत हुई है।
राज्य विद्युत आपूर्ति निगम के एक अधिकारी ने कहा, इलेक्ट्रिक लैंप पोस्ट के आधार पर खुले बक्से के अंदर तारों के कई खुले सिरे होते हैं। जब सड़कों पर पानी भर जाता है, तो ये जीवित तार पानी के नीचे डूबे रहते हैं और विद्युतीकृत हो जाते हैं। लोग इससे अनजान लैम्पपोस्ट को छू लेते हैं जिससे वह करंट की चपेट में आ जाते हैं।
यही हाल था अनुष्का और स्नेहा का। अनुष्का ने जलजमाव वाली सड़क पार करते समय अनजाने में बिजली के खंभे को छू लिया, स्नेहा भी अपनी दोस्त को बचाने की कोशिश करते हुए करंट की चपेट में आ गई। कक्षा 6 की दोनों नाबालिग छात्राओं को सरकारी आरजी कर मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
दोनों की मौत कोई अकेला उदाहरण नहीं है। उत्तरी 24 परगना जिले के आगरपारा-तारापुकुर इलाके में बुधवार की शाम दीपक चौधरी (65) की जलजभराव वाली गलियों में करंट लगने से मौत हो गई। उसने गलती से अपने घर के सामने जलमग्न गली में बिजली के तार को छू लिया था।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने गुरुवार को नाबालिग लड़कियों के परिवारों से मुलाकात की और प्रत्येक को 2-2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। हालांकि, अनुष्का की मां ने यह कहते हुए मुआवजे की राशि को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि वे सरकार को 4 लाख रुपये देने को तैयार हैं, अगर वह उनकी बेटी को वापस लाएगें। बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
आईएएनएस
Created On :   24 Sept 2021 2:00 PM IST