दलित बुद्धिजीवियों ने अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए केसीआर की सराहना की
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। दलित बुद्धिजीवियों ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की सराहना की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सुखदेव थोराट और अन्य बुद्धिजीवियों ने उस प्रतिमा का दौरा किया, जो हैदराबाद के मध्य में हुसैन सागर के पास बन रही है। इस प्रतिमा का 14 अप्रैल को अंबेडकर की जयंती पर अनावरण किया जाना है।
सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करके भारतीय संविधान के निर्माता को उचित श्रद्धांजलि देने के लिए वे सभी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की प्रशंसा कर रहे हैं। प्रतिमा नवनिर्मित राज्य सचिवालय के पास है जिसका नाम भी अंबेडकर के नाम पर रखा गया है। तेलंगाना सचिवालय का नामकरण करने और 125 फुट की प्रतिमा स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने के लिए विभिन्न दलित संगठनों द्वारा शहर में एक धन्यवाद समारोह आयोजित किया गया था।
समारोह में प्रबुद्ध भारत इंटरनेशनल, समता सैनिक दल, एससी, एसटी ऑफिसर्स फोरम के नेता और अन्य शामिल हुए। थोराट ने कहा कि वह इस धन्यवाद समारोह का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सचिवालय का नामकरण करने और अम्बेडकर को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि के रूप में एक मूर्ति स्थापित करने के लिए केसीआर की सराहना की। तेलुगु दैनिक आंध्र ज्योति के संपादक के. श्रीनिवास ने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर ने वह किया है जो कोई अन्य मुख्यमंत्री नहीं कर सका। प्रेस अकादमी के अध्यक्ष आलम नारायण ने कहा कि एक भाषा और एक राज्य बाबा साहेब अंबेडकर का सपना था और केसीआर ने संविधान में वर्णित आदशरें को लागू करके इसे साकार किया है। पूर्व मुख्य सचिव के. माधव राव ने कहा कि अंबेडकर ने मानव के सभी बुनियादी मूल्यों को एक मंच पर लाने के लिए अपना बलिदान दिया।
(आईएएनएस)
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Created On :   4 April 2023 3:30 PM GMT