राजस्व के लिए नई शराब की दुकानों को अनुमति देने के असम सरकार के फैसले की आलोचना

Criticism of Assam governments decision to allow new liquor shops for revenue
राजस्व के लिए नई शराब की दुकानों को अनुमति देने के असम सरकार के फैसले की आलोचना
असम राजस्व के लिए नई शराब की दुकानों को अनुमति देने के असम सरकार के फैसले की आलोचना

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम सरकार द्वारा राज्य भर में नई शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने के विवाद के बीच, आबकारी मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने दावा किया कि यहां भाजपा के शासन में महज छह साल में शराब से राजस्व पांच गुना बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि 2016 में वैट के साथ शराब से होने वाला राजस्व करीब 600 करोड़ रुपये था। इस साल मार्च में वैट सहित, वह राजस्व 3,000 करोड़ रुपये के करीब था। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के फैसले पर असम विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) देवव्रत सैकिया के साथ कई राज्यभर के लोगों ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया है।

मंत्री सुक्लाबैद्य ने कहा- आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, असम के कई इलाकों में 10-20 किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं हैं। इसलिए राज्य में देशी शराब का अवैध उत्पादन बढ़ रहा है। साथ ही, अरुणाचल प्रदेश से असम में देशी शराब को नाजायज तरीकों से लाया जाता है, जिससे वास्तव में राज्य सरकार के राजस्व को नुकसान हुआ। इस नुकसान से बचने के लिए राज्य सरकार बड़े पैमाने पर नई शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देती रही है।

सैकिया ने कहा: सरकार जनता के स्वास्थ्य के बारे में सोचे बिना सिर्फ राजस्व उत्पन्न करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए लाइसेंस दे रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति देना विनाशकारी कदम है। उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर विज्ञापन उद्देश्यों के लिए राजस्व का उपयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने टिप्पणी की कि शराब की दुकानों पर मंत्री की टिप्पणी मूर्खतापूर्ण है और गन्ने की शराब के बजाय विदेशी शराब पीने का उनका तर्क बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था।

हालांकि, शुक्लाबैद्य ने आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि राजस्व धन का उपयोग लोगों के लाभ के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसी को शराब पीने के लिए नहीं कह रही है। एक मंत्री के रूप में, मैं कभी भी किसी को शराब पीने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता। लेकिन जिन्हें शराब की लत है उन्हें सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए, अन्यथा यह उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

सुकलाबैद्य ने कहा, देश में शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए जिन्हें शराब पीने की आदत है, उन्हें अधिकृत शराब की दुकानों से पीने दें।

(आईएएनएस)

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Created On :   3 Nov 2022 11:00 PM IST

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