नई भर्तियों पर कलकत्ता हाई कोर्ट और बंगाल सरकार के विरोधाभासी विचार भ्रम पैदा करते हैं

Contrasting views of Calcutta High Court and Bengal Government on new recruitments create confusion
नई भर्तियों पर कलकत्ता हाई कोर्ट और बंगाल सरकार के विरोधाभासी विचार भ्रम पैदा करते हैं
पश्चिम बंगाल नई भर्तियों पर कलकत्ता हाई कोर्ट और बंगाल सरकार के विरोधाभासी विचार भ्रम पैदा करते हैं
हाईलाइट
  • सामाजिक विकास में योगदान

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) से जुड़े करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के मद्देनजर नई भर्तियों के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय और पश्चिम बंगाल सरकार के विरोधाभासी विचारों ने राज्य के कानूनी और राजनीतिक हलकों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय और विश्वजीत बसु ने यह स्पष्ट कर दिया है कि, कोई भी नई भर्ती अवैध रूप से भर्ती किए गए लोगों की सेवा समाप्त करके, रिक्तियां सृजित करके की जानी चाहिए और उन रिक्तियों को प्रतीक्षा सूची के पात्र उम्मीदवारों द्वारा भरा जाना चाहिए जो वंचित थे। दोनों न्यायाधीशों ने सवाल किया कि, अवैध रूप से भर्ती किए गए शिक्षक अपने छात्रों के लिए उदाहरण कैसे स्थापित कर सकते हैं या कैसे सामाजिक विकास में योगदान कर सकते हैं।

इसके उलट राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि वेटिंग लिस्ट से योग्य उम्मीदवारों की भर्ती की जाए, लेकिन पहले से भर्ती और शिक्षकों के रूप में सेवा कर रहे लोगों की स्थिति को बिगाड़े बिना। बसु ने कहा कि चूंकि पहले से भर्ती किए गए लोगों के जीवन से सामाजिक प्रतिष्ठा का मामला जुड़ा हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री उनकी वर्तमान स्थिति को खराब नहीं करना चाहती हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के अनुसार, बनर्जी राजनीतिक प्रतिक्रिया के एक और दौर के डर से अवैध रूप से भर्ती किए गए लोगों की सेवा समाप्त नहीं करना चाहती हैं। अवैध रूप से वंचित उम्मीदवारों द्वारा किए गए प्रदर्शन पहले से ही सत्ताधारी पार्टी के लिए दर्द का एक कारण बन गया हैं। अब यदि अवैध रूप से नियुक्त किए गए उम्मीदवारों को बर्खास्त कर दिया जाता है, तो वे तृणमूल नेताओं को नौकरी पाने के लिए भुगतान किए गए पैसे की वापसी की मांग करेंगे, इसलिए मुख्यमंत्री उनकी रक्षा के लिए इतनी बेताब हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि अवैध रूप से भर्ती किए गए लोगों को बनाए रखना गैरकानूनी कार्यवाही को कानूनी घोषित करने के समान है। राज्य सरकार राजनीतिक मजबूरी में ऐसा कर सकती है, लेकिन यह कानूनी प्रावधानों को सही नहीं ठहराएगा। दूसरे, जो पात्र उम्मीदवार अब प्रतीक्षा सूची से भर्ती होंगे, वे सेवा वरिष्ठता के मामले में अवैध रूप से भर्ती किए गए लोगों से पीछे होंगे, जो कि कानून के खिलाफ है।

 

आईएएनएस

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Created On :   30 Sept 2022 10:30 PM IST

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