कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: सोनिया गांधी फिलहाल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी, अगले 4-5 महीनों में चुनाव संभव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बदलाव को लेकर आज सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक हुई। बैठक में तय किया गया है कि सोनिया गांधी फिलहाल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। अगले 4-5 महीनों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो सकते हैं।
इससे पहले सोनिया गांधी ने अपना पद छोड़ने की पेशकश करते हुए कहा था, अब वो आगे पार्टी की अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं। सोनिया की इस पेशकश पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने उन्हें पद पर बने रहने की सलाह दी थी।
उधर, पार्टी नेताओं की चिट्ठी को लेकर राहुल गांधी ने कई सवाल उठाए और इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र लिखने वाले नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया। जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया।
Interim party president Sonia Gandhi attends the Congress Working Committee"s virtual meeting pic.twitter.com/Z70kTFCH9h
— ANI (@ANI) August 24, 2020
CWC Meeting Updates:-
-कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी फिलहाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी।
- अहमद पटेल ने कहा, राहुल गांधी आगे आएं और पार्टी की जिम्मेदारी संभालें। पटेल ने ये भी कहा कि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस तरह की चिट्ठी नहीं लिखनी चाहिए थी।
- बैठक के दौरान सोनिया द्वारा इस्तीफे की पेशकश के बाद केसी वेणुगोपाल ने सोनिया गांधी की चिट्ठी पढ़ी, जिसमें सोनिया ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की और कहा नए अध्यक्ष की तलाश के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोनिया से आग्रह किया कि, वे अपने पद पर बनी रहें। साथ ही एंटनी ने राहुल से पार्टी का अध्यक्ष न बनने के फैसले पर दोबारा मंथन करने को भी कहा।
Manmohan Singh and AK Antony said that Sonia Gandhi should continue till a new party president is elected: Sources pic.twitter.com/aDh7Aq7tAZ
— ANI (@ANI) August 24, 2020
- बैठक में ही राहुल गांधी ने पार्टी का नया अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर लिखी गई चिट्ठी लीक होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, मैं इससे काफी दुखी हूं। राहुल ने सवाल उठाते हुए कहा, आखिर यही समय क्यों चुना गया, जब राजस्थान और मध्य प्रदेश में हम लड़ रहे थे, जब सोनिया गांधी बीमार थीं, उस वक्त चिट्ठी क्यों लिखी गई।
Rahul Gandhi, during CWC meeting, says the letter (to Sonia Gandhi about party leadership) was written at a time when Congress government in Rajasthan was facing a crisis, the right place to discuss what was written in the letter was CWC meeting and not the media: Sources https://t.co/w47zre3MfE
— ANI (@ANI) August 24, 2020
बैठक के दौरान राहुल ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया। राहुल ने पत्र लिखने वाले सभी नेताओं को भाजपा का एजेंट बताया। इस पर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने कहा, अगर यह आरोप सच साबित होता है तो मैं पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा। वहीं राहुल के इस आरोप पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी भड़क उठे। हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने भी पत्र लिखने वालों पर हमला बोला और कहा कि वो बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
Ghulam Nabi Azad, during CWC, says he will resign if Rahul Gandhi"s "collusion with BJP" remark can be proven: Sources
— ANI (@ANI) August 24, 2020
सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी कहते हैं, हम बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया, बीजेपी सरकार को नीचे लाने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया, पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है।
Rahul Gandhi says “ we are colluding with BJP “
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
Succeeded in Rajasthan High Court defending the Congress Party
Defending party in Manipur to bring down BJP Govt.
Last 30 years have never made a statement in favour of BJP on any issue
Yet “ we are colluding with the BJP “!
हालांकि बाद में सिब्बल ने एक और ट्वीट किया और कहा, राहुल गांधी ने खुद उन्हें बताया है कि उन्होंने ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। ऐसे में मैं अपना पुराना ट्वीट हटा रहा हूं।
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
I therefore withdraw my tweet .
बता दें कि, कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद का नाम उन 23 नेताओं में शामिल है, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया, इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है जो पूर्ण रूप से पार्टी को समय दे सके।
बैठक से पहले कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ता हाथ में बैनर लेकर पहुंचे।
Delhi: Congress workers raise slogans outside AICC office, demanding that Party President should be from Gandhi family.
— ANI (@ANI) August 24, 2020
Congress worker Jagdish Sharma says, "We want Party President from Gandhi family only. Party will be destroyed break away if any outsider is made President." pic.twitter.com/b5HzTptuhJ
बता दें कि, अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया का एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद से नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी में उथलपुथल मची हुई है। बैठक से पहले कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों और कई राज्यों के प्रमुखों ने अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार को अपना समर्थन दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पुदुचेरी के वी. नारायणसामी ने पत्र लिखकर गांधी परिवार से किसी व्यक्ति को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की है।
इससे पहले पार्टी के कई नेताओं का लिखा हुआ एक पत्र रविवार को सामने आया था। जिसमें पार्टी में परिवर्तन और सुधार करने की मांग की गई थी। पार्टी सूत्रों ने बताया था, राहुल के पार्टी का नेतृत्व संभालने को लेकर कोई चुनौती नहीं है, लेकिन अगर कोई दूसरा नेता अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करता है तो पार्टी में जबरदस्त घमासाम मच सकता है। बता दें कि राहुल गांधी पहले ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर चुके हैं।
राज्य सभा सांसद पी.एल. पुनिया ने कहा था, हम राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग करते हैं। पार्टी के दूसरे गुट की भी यही राय है। कांग्रेस पार्टी से निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने कहा था, करीब 300 कांग्रेसी नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। ये नेता देश के हर कोने से हैं, लेकिन सिर्फ 23 नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।
कांग्रेस ने पहले किसी भी पत्र से इनकार किया था लेकिन 20 नेताओं के हस्ताक्षर का पत्र सामने आया है। पत्र में भाजपा के उत्थान पर चिंता जताई गई और पार्टी के लिए एक फुल-टाइम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई है। पिछले साल अगस्त महीने से ही सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद पर हैं।
पत्र में ये भी कहा गया, देश आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और चीन से सीमा विवाद के संकट से जूझ रहा है। इन नेताओं का कहना है, कार्य समिति से लेकर पार्टी के दूसरे सभी पदों के लिए चुनाव होने चाहिए। इसके साथ ही पार्लियामेंट्री बोर्ड को भी फिर से जीवित किया जाना चाहिए।
Created On :   24 Aug 2020 11:32 AM IST