यूपी में कांग्रेस गठबंधन को तैयार, किन छोटे दलों के साथ बनेंगी बात ?
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने बाद होने को हैं। इस बीच सभी राजनीतिक पार्टियां अपना समीकरण साधने में जुट गईं हैं। आपको बता दें कि बुधवार को अखिलेश यादव ने सुभासपा पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से हाथ मिला लिया और गठबंधन का भी एलान कर दिया है। अब ये दोनों 2022 यूपी विधानसभा साथ मिलकर लड़ेंगे। बीजेपी पहले ही निषाद पार्टी के साथ हाथ मिला ली है और 2022 विधानसभा चुनाव लड़ने का भी एलान कर दिया है। इसी तर्ज पर कांग्रेस ने भी गठबंधन को लेकर छोटे दलों को ऑफर दिया है। कांग्रेस के चुनाव ऑब्जर्वर और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा यूपी में अभी हमारा किसी से गठबंधन नहीं, लेकिन छोटे दलों को साथ लेकर चलेंगे। गठबंधन के लिए कांग्रेस दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस के हाथ से कौन दल हाथ मिलाएंगे?
सपा पहले ही कांग्रेस से बना ली दूरी
गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार साफ कह चुके हैं कि सूबे में किसी भी बड़ी पार्टियों से गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने बसपा और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए मना कर चुके हैं। ऐसे में सपा छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। जिसके तहत अखिलेश ने सुहेलदेव भारतीय पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य, राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी और जनवादी पार्टी के संजय चौहान से गठबंधन किया है। सपा तो अपनी सियासी समीकरण बैठाने में कामयाब रही लेकिन कांग्रेस के लिए कौन से छोटे दल आगे आएंगे ये बड़ा दिलचस्प होगा।
मायावती अकेले देंगी टक्कर
बता दें कि मायावती पहले ही एलान कर चुकी हैं कि अबकी बार 2022 यूपी विधान सभा का चुनाव बिना किसी दल से गठबंधन के लडे़ंगी। जिससे ये स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के साथ बसपा भी हाथ नहीं मिलाएगी। बीजेपी पहले ही अनुप्रिया पटेल की अपना दल से गठबंधन कर रखा है। बीजेपी के साथ कांग्रेस के जाना कोई सवाल नहीं उठता।
शिवपाल और ओवैसी की चल रही बातें
गौरतलब है कि ओवैसी इस बात को लेकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वो शिवपाल से लगातार संपर्क में है और गठबंधन को लेकर तैयार है। ओवैसी अपने सार्वजनिक मंचो से भी बीजेपी व कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल से गठबंधन करने की बात कह चुके हैं। माना ये भी जा रहा है कि अगर शिवपाल से बात नहीं बनती तो फिर ओवैसी सपा की तरफ भी करवट ले सकते हैं। हालात तो देखते हुए कांग्रेस के लिए गठबंधन का रास्ता यहां भी बंद दिख रहा है।
कांग्रेस के सामने खुला विकल्प
गौरतलब है कि कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी इस बार यूपी के चुनाव में लड़ने का दम भर रहे हैं। उन्होंने सूबे की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। राजा भैया के अखिलेश यादव के छत्तीस के आंकड़े हैं, जिसके चलते सपा के साथ गठबंधन की संभावना अभी तक नहीं बन पा रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में राजा भैया कांग्रेस के समर्थन से अपना कैंडिडेट जिताने में सफल रहे थे। ऐसे में कांग्रेस और राजा भैया के साथ में मिलाकर चुनावी किस्मत आजमा सकते हैं। कांग्रेस को रघुराज प्रताप से हाथ मिलाने में गुरेज भी नहीं होगी।
Created On :   28 Oct 2021 11:51 PM IST