मप्र में मुश्किल में पड़ सकते हैं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी
- सदन की अपनी एक गरिमा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान क्या किया, सत्ता पक्ष भाजपा से लेकर उनके दल के नेता ही उनके इस फैसले के खिलाफ खड़े नजर आने लगे। अब तो पटवारी की मुश्किलें भी बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं।
कांग्रेस विधायक पटवारी द्वारा सोशल मीडिया पर राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की जानकारी दी, इस मामले को सदन में संसदीय कार्यमंत्री ने डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उठाया। उन्होंने कहा, सदन की अपनी एक गरिमा है और चाहे पक्ष हो या विपक्ष हो, सबको ताकत तो आपसे मिलती है, आसंदी से जब ताकत मिलती है तो उसका विरोध करने का जो तरीका अख्तियार किया गया है, यह निंदनीय है, इस पर नेता प्रतिपक्ष को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने संसदीय कार्यमंत्री की बात पर सहमति जताते हुए कहा मैं सहमत हूं और मेरी पार्टी,मेरा दल भी सहमत कि इस सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है, यही परम्परा रही कि, विधान सभा हो या लोकसभा हो या इस देश का जो भी सदन हो, यही परम्परा हमें बनाए रखना चाहिए और इसे मजबूती देनी चाहिए। हम सब इसमें भागीदार है। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं है, टवीटर की जानकारी तो अभी घण्टे भर पहले ही मुझे मिली है, पर ऐसे ट्वीटर से मैं भी सहमत नहीं हूं, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हो, यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं है, न अब था और न आगे भी रहेगा। कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्मयंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने भी परंपरा का हवाला देते हुए पटवारी के फैसले और ट्वीट किए जाने पर असहमति जताई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल नाथ के बड़े मन की सराहना की और कहा, पक्ष हो या विपक्ष संसदीय परंपराओं का पालन करना हमारा धर्म है और मध्य प्रदेश की गौरवशाली परंपरा रही है। पार्टी के भीतर ही पटवारी के खिलाफ उठे स्वरों को लेकर मीडिया के सवालों पर पटवारी ने कहा, कमलनाथ हमारे नेता हैं वे मुख्यमंत्री बनें यही हमारा प्रयास है और पार्टी हमारे साथ है।
(आईएएनएस)
Created On :   7 March 2022 2:01 PM GMT