कांग्रेस को मिला रणनीति का प्रतिफल, राजस्थान के राज्यपाल सत्र बुलाने को सशर्त राजी
- कांग्रेस को मिला रणनीति का प्रतिफल
- राजस्थान के राज्यपाल सत्र बुलाने को सशर्त राजी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस का दावा है कि उसने जो पांच उपाय किए, उसी का प्रतिफल है कि राजस्थान के राज्यपाल विधानसभा का सत्र कुछ शर्तो के साथ बुलाने को बाध्य हुए। इससे अशोक गहलोत की सरकार के लिए सदन में विश्वास मत हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
सोमवार की सुबह, कपिल सिब्बल की अगुवाई वाली कांग्रेस की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका वापस ले ली। कांग्रेस ने सोमवार को जयपुर को छोड़कर देशभर के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन किया। दिल्ली में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी के नेतृत्व में मार्च निकाला गया। पुलिस ने उन्हें कुछ समय के लिए हिरासत में लिया।
तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अश्विनी कुमार ने राज्यपाल को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, राज्यपाल ने राज्य कैबिनेट की सलाह के मुताबिक विधानसभा का सत्र बुलाकर उपकृत किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक प्रेसवार्ता की और इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा, मैं निष्ठापूर्वक उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रपति राज्यपाल को अपना दायित्व निभाने का निर्देश देंगे।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने इस मामल में ईमानदारी नहीं बरती है। सवाल ये हैं कि राज्यपाल का विधानसभा का सत्र बुलाने के अनुरोध को ठुकराना अनुचित और उनके प्राधिकार से परे है। गहलोत ने फेयरमॉन्ट होटल में ठहरे हुए विधायकों से कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और उन्हें राज्यपाल के रवैये से अवगत कराया। मैंने उनसे एक सप्ताह पहले भेजे उस पत्र का जिक्र भी किया, जिसमें मैंने राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त की जानकारी दी थी।
कई दौर की बातचीत के बाद राज्यपाल मान गए, उन्होंने विधानसभा का सत्र बुलाने की अनुमति दे दी। इससे पहले, दिन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार द्वारा भेजी गई वह फाइल लौटा दी थी, जिसमें उनसे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति के लिए अनुरोध किया गया था। राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष बुलाने का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए राज्यपाल को दूसरी बार फाइल भेजी थी।
Created On :   28 July 2020 12:30 AM IST