कांग्रेस ने मप्र सरकार पर लगाया संवैधानिक नियमों का पालन न करने का आरोप

Congress accuses MP government of not following constitutional rules
कांग्रेस ने मप्र सरकार पर लगाया संवैधानिक नियमों का पालन न करने का आरोप
पंचायत चुनाव घोषणा कांग्रेस ने मप्र सरकार पर लगाया संवैधानिक नियमों का पालन न करने का आरोप
हाईलाइट
  • कांग्रेस ने मप्र सरकार पर लगाया संवैधानिक नियमों का पालन न करने का आरोप
  • 2014 के आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव क्यों ?

डिजिटल डेस्क, भोपाल । मध्य प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा 6 जनवरी से 16 फरवरी, 2022 के बीच तीन चरणों में चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को कांग्रेस की राज्य इकाई ने निशाना साधा। विपक्षी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर चुनावी प्रक्रिया में संवैधानिक नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार हर पांच साल के कार्यकाल के बाद सीटों के आरक्षण में रोटेशन में बदलाव के अनिवार्य संवैधानिक नियमों का पालन नहीं कर रही है। कांग्रेस ने अपना हमला तेज करते हुए सवाल उठाया कि 2021-22 में 2014 के आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव क्यों हो रहे हैं?

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा पर राज्य के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा हम मांग करते रहे हैं कि राज्य में पंचायत चुनाव जल्द से जल्द हो लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार इन चुनावों से डरी हुई है और चुनाव नहीं कराना चाहती है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीटों के नए आरक्षण और रोटेशन नीति के तहत नए सिरे से चुनाव हों कांग्रेस सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, कई लोग पहले ही राज्य सरकार के इस कदम का विरोध कर चुके हैं। आरक्षण में रोटेशन का पालन किए बिना चुनाव कराना पूरी तरह से व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। कई व्यक्तियों ने उच्च न्यायालय की विभिन्न पीठों में पहले ही याचिकाएं दायर की हैं और अब सोमवार को उसी कड़ी में एक नई याचिका जबलपुर उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष दायर की जाएगी।

तन्खा ने कहा मप्र में पंचायत चुनाव अजीब कानूनी परिस्थितियों में हो रहे हैं संविधान की प्रक्रिया और प्रावधान को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए राज्य सरकार द्वारा पारित अध्यादेश जनता के लिए खतरा है। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और दो बार सांसद रह चुके मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद इस मामले पर सबसे पहले अपनी चिंता व्यक्त की थी। कोविड-19 के प्रकोप के कारण राज्य में पंचायत निकायों के चुनाव मार्च 2020 से ही लंबित हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   5 Dec 2021 7:00 PM IST

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