कलकत्ता एचसी ने सीआईडी पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच की आवश्यकता को खारिज किया

Coal smuggling scam: Calcutta HC dismisses need for parallel probe by CID West Bengal
कलकत्ता एचसी ने सीआईडी पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच की आवश्यकता को खारिज किया
कोयला तस्करी घोटाला कलकत्ता एचसी ने सीआईडी पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच की आवश्यकता को खारिज किया

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मंगलवार को राज्य में करोड़ों रुपये के कोयला तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा समानांतर जांच की आवश्यकता को खारिज कर दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही कोयला तस्करी मामले की जांच कर रहा था, तो मामले में सीआईडी-पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच अनावश्यक थी। न्यायमूर्ति मंथा ने यह भी कहा कि अगर सीआईडी को मामले में कोई अलग सुराग मिलता है, तो वह इसे सीबीआई की जांच टीम को दे सकती है।

न्यायमूर्ति मंथा ने यह फैसला आसनसोल के भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी द्वारा मामले में सीआईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया। अपनी याचिका में, उन्होंने कोयला तस्करी घोटाले में समानांतर सीआईडी जांच के औचित्य पर उसी बिंदु को उठाया, जब सीबीआई पहले से ही मामले की जांच कर रही थी।

न्यायमूर्ति मंथा ने इस संबंध में सीआईडी को तिवारी को समन भेजने से भी रोक दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को राज्य की एजेंसी द्वारा मामले में गवाह के रूप में नहीं बुलाया जा सकता है। तिवारी 2016 से 2021 तक पश्चिम मिदनापुर जिले के पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं और तृणमूल कांग्रेस आसनसोल नगर निगम के मेयर भी हैं। हालांकि, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने राज्य की सत्ताधारी पार्टी को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए।

10 सितंबर को, उन्हें सीआईडी-पश्चिम बंगाल से एक नोटिस मिला, जिसमें उन्हें कोलकाता में राज्य पुलिस मुख्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था। उन्होंने उस समन को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जहां उनके वकील प्रतीक धर ने आरोप लगाया कि सीआईडी समन राजनीतिक प्रतिशोध से भेजा गया था, क्योंकि कोयला तस्करी घोटाले की प्राथमिकी में कहीं भी उनके मुवक्किल को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी पहले ही तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी से इस मामले में तीन बार पूछताछ कर चुके हैं। ईडी ने इस सिलसिले में अभिषेक की पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी और भाभी मेनका गंभीर से भी पूछताछ की है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   27 Sept 2022 7:01 PM IST

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