बंगाल पार्षद हत्याकांड का मुख्य चश्मदीद अपने आवास पर मृत मिला

Chief eyewitness of Bengal councilor murder case found dead at his residence
बंगाल पार्षद हत्याकांड का मुख्य चश्मदीद अपने आवास पर मृत मिला
हत्या बंगाल पार्षद हत्याकांड का मुख्य चश्मदीद अपने आवास पर मृत मिला

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में झालदा नगर पालिका के कांग्रेस पार्षद तपन कांदू की हत्या का मुख्य चश्मदीद बुधवार सुबह अपने आवास पर मृत मिला। यह जानकारी पुलिस ने दी। वह निरंजन कांदू का करीबी सहयोगी था और 13 मार्च को हमला होने पर वह कांदू के साथ था। कांदू की हत्या उस समय हुई जब वह अपनी पत्नी पूर्णिमा कांदू के साथ शाम को टहल रहे थे। उनके साथ वैष्णव भी थे। 

वैष्णव का शव झालदा स्थित उनके आवास पर फांसी के फंदे से लटका मिला और उनके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है।सुसाइड नोट में लिखा था कि वह जिला पुलिस के दबाव को सहन नहीं कर पा रहे थे और उन्होंने कभी पुलिस स्टेशन में कदम नहीं रखा है।

इस नोट में वैष्णव ने तपन कांदू की हत्या का भी जिक्र किया, जिसमें वह एक चश्मदीद गवाह थे और उन्होंने कहा कि जिस दिन यह दुखद घटना हुई, तब से उन्हें डर लग रहा था। कांग्रेस ने बुधवार को झालदा में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। जब स्थानीय कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता हड़ताल के समर्थन में एक रैली का आयोजन कर रहे थे, उसी वक्त वैष्णव की रहस्यमय मौत की खबर वायरल हो गई। कांग्रेस कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंचे और उन्होंने वैष्णव को फांसी के फंदे पर लटका पाया।

इसके बाद में पुलिस ने वहां पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तपन कांदू की पत्नी पूर्णिमा कांदू झालदा नगर पालिका की पार्षद हैं, उन्होंने दावा किया कि निरंजन वैष्णव की रहस्यमय मौत के पीछे एक गहरा विवाद है। उन्होंने आगे कहा, मेरे पति की हत्या के बाद से ही जिला पुलिस कई लोगों पर दबाव बना रही थी। मैं मामले की सीबीआई जांच की मांग करती हूं।

तपन कांदू के भतीजे, मिथुन कांदू ने पत्रकारों को बताया कि निरंजन वैष्णव ने उन्हें बताया कि तपन कांदू की हत्या के बाद से जिला पुलिस उन पर भारी दबाव बना रही थी। कांदू ने कहा, अब सीबीआई उनकी रहस्यमय मौत के असली कारण का पता कर रही है। इसके कुछ घंटे बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तपन कांदू की मौत की सीबीआई जांच का आदेश दिया।

पीड़ित परिवार ने एक ऑडियो क्लिप साझा किया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता तपन कांदू को कांग्रेस से तृणमूल में स्थानांतरित नहीं होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे थे। स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता की पहचान अमल कांदू के रूप में हुई है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से पहले राज्य पुलिस की एक विशेष जांच टीम मामले की जांच कर रही थी।

विशेष जांच के दौरान इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें पीड़ित के भाई नरेन कांदू और उनके बेटे दीपक कांदू भी शामिल थे। पुरुलिया जिले के पुलिस अधीक्षक एस सेल्वामुरुगन ने दावा किया था कि तपन कांदू की हत्या के पीछे का कारण दो भाइयों के बीच पारिवारिक कलह था। जिला पुलिस अधीक्षक ने झालदा थाने के प्रभारी निरीक्षक संजीव घोष को भी क्लीन चिट दे दी है। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सीबीआई को 45 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।

आईएएनएस

Created On :   6 April 2022 1:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story