पंजाब चुनाव का नेतृत्व करेंगे चन्नी और सिद्धू - कांग्रेस

Channi and Sidhu will lead Punjab election: Congress
पंजाब चुनाव का नेतृत्व करेंगे चन्नी और सिद्धू - कांग्रेस
विधानसभा चुनाव पंजाब चुनाव का नेतृत्व करेंगे चन्नी और सिद्धू - कांग्रेस
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेतृत्व के मुद्दे पर पंजाब प्रभारी हरीश रावत के बयान का खंडन किया है और कहा है कि चुनाव मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी अध्यक्ष दोनों के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, मीडिया कृपया भ्रम न फैलाएं और दलित मुख्यमंत्री पर हमला बंद करें। चरणजीत चन्नी मुख्यमंत्री और सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हमारा चेहरा होंगे।

कांग्रेस को पंजाब में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के दिन क्षति नियंत्रण (डैमेज कंट्रोल) शुरू करना पड़ा है, क्योंकि हरीश रावत के बयान पर मतभेद पैदा हो गए थे, जिन्होंने कहा था कि अगला चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पंजाब कांग्रेस में मतभेद के सुर थम नहीं रहे हैं। चरणजीत सिंह चन्नी के राज्य का सीएम चुने जाने के बाद उम्मीद थी कि असंतोष और असहमति के सुर कम से कम कुछ समय के लिए थम जाएंगे, लेकिन ऐसा होता लग नहीं रहा है। रावत के बयान के बाद पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने उनकी आलोचना की है।

जाखड़ ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण वाले दिन रावत का यह बयान कि चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, चौंकाने वाला है। यह न केवल सीएम के अधिकार को कम कर सकता है, बल्कि यह इस पद पर उनके चुनाव पर भी सवाल उठाता है। दरअसल रावत ने एक बयान में कहा था कि हालांकि राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चेहरे को लेकर निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष लेंगी, लेकिन मौजूदा स्थितियों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तहत सीएम कैबिनेट के साथ चुनाव लड़ा जाएगा, जिसके प्रमुख सिद्धू बेहद लोकप्रिय हैं।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जाहिर तौर पर नए मुख्यमंत्री चन्नी की चुनाव में मुख्य भूमिका होगी। कांग्रेस नेतृत्व की नजर में पंजाब का मुद्दा फिलहाल भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन राज्य के नेता चुनाव तक खुद को मुखर करेंगे और सिद्धू की राह आसान नहीं होगी। विधायक दल की बैठक में सिद्धू विधायकों में अंतिम पसंद थे जबकि जाखड़ और रंधावा को बहुमत का समर्थन था। रंधावा इस मौके को नहीं भुना सके, क्योंकि सिद्धू एक जाट सिख को सीएम के रूप में नियुक्त करने पर अड़े थे और उन्हें जाखड़ पर आपत्ति थी। हालांकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया और वह रंधावा का समर्थन कर रही थीं, लेकिन इन सबके बीच आश्चर्यजनक रूप से चन्नी का नाम सामने आया और आगामी चुनाव से पहले उन्हें पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई।

 

(आईएएनएस)

Created On :   20 Sep 2021 11:00 AM GMT

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