पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देगी केंद्र सरकार

Central government will give land ownership rights to refugees from West Pakistan in Jammu and Kashmir
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देगी केंद्र सरकार
जम्मू-कश्मीर पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देगी केंद्र सरकार

डिजिटल डेस्क, जम्मू। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों (डब्ल्यूपीआर) को जमीन का मालिकाना हक देने का फैसला किया है।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, केंद्र डब्ल्यूपीआर को 46,666 कनाल की भूमि पर स्वामित्व अधिकार प्रदान करेगी, जो उन्हें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले आवंटित किया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि ये जमीनें जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में हैं। 1954 में अंतरराष्ट्रीय सीमा के भारतीय हिस्से में चले जाने के बाद इन्हें डब्ल्यूपीआर को आवंटित किया गया था।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की है।

जब जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 34ए के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था, तब पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी न तो जमीन के मालिक थे और न ही सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते थे क्योंकि वे जम्मू-कश्मीर के राज्य के नागरिक नहीं थे।

केंद्र में सत्ता में आने के बाद, भाजपा सरकार ने पश्चिमी पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) शरणार्थियों को मुआवजे के रूप में प्रति परिवार 5.5 लाख रुपये दिए।

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों, पीओजेके शरणार्थियों, गोरखाओं और वाल्मीकि को जम्मू-कश्मीर के अधिवास के रूप में घोषित किया गया है।

इन शरणार्थियों को जिन जमीनों पर मालिकाना हक दिया जाएगा, उनमें अखनूर, आर.एस. पुरा, बिश्नाह, सांबा जिले के कुछ हिस्सों और हीरानगर जिले शामिल है।

(आईएएनएस)

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Created On :   16 Sept 2022 1:00 PM IST

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