केंद्र से सिकंदराबाद छावनी में 35 हजार मतदाताओं के नाम बहाल करने का आग्रह

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
राजनीति केंद्र से सिकंदराबाद छावनी में 35 हजार मतदाताओं के नाम बहाल करने का आग्रह

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना के नगरपालिका प्रशासन मंत्री के टी रामाराव ने बुधवार को सिकंदराबाद छावनी बोर्ड (एससीबी) के आठ वाडरें से हटाए गए 35,000 मतदाताओं के नाम बहाल करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। राज्य के मंत्री ने राजनाथ सिंह को मतदाताओं के नाम बहाल करने और उन्हें मतदान के लोकतांत्रिक अभ्यास में भाग लेने में मदद करने के लिए लिखा। एससीबी सदस्यों के लिए चुनाव 30 अप्रैल को निर्धारित हैं।

यह कहते हुए कि एससीबी ने मतदाताओं की सूची से लगभग 35,000 मतदाताओं के नाम इस आधार पर हटा दिए हैं कि उक्त व्यक्तियों ने कथित रूप से रक्षा भूमि पर अतिक्रमण किया है, केटीआर ने कहा कि यह पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक कार्य है क्योंकि मतदाता सूची से जिन मतदाताओं के नाम हटाये गये थे उनमें से किसी को भी सूची से नाम हटाने से पहले कोई कारण बताओ नोटिस नहीं दिया गया था।

केटीआर ने कहा- ये मतदाता और उनके परिवार पिछले 75 वर्षों से सिकंदराबाद छावनी बोर्ड की सीमा में रह रहे हैं। इस तरह की घटनाएं इन मतदाताओं को भयभीत कर रही हैं क्योंकि इस तरह का कृत्य अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से उनकी पहचान के लिए खतरा पैदा कर रहा है, जबकि वे भारत के नागरिक हैं जो तेलंगाना राज्य में रह रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि देश के हर दूसरे जिम्मेदार नागरिक की तरह, एससीबी के मतदाताओं ने अपने सभी कर्तव्यों को पूरा करने में पूरी ईमानदारी दिखाई है जिसमें बिजली और पानी के बिलों का भुगतान शामिल है। उन्होंने कहा कि ये मतदाता विभिन्न चुनावों में मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करते रहे हैं, जिसमें एससीबी चुनाव, विधानसभा चुनाव और संसदीय चुनाव भी शामिल हैं।

केटीआर ने कहा कि छावनी के लिए मतदाता सूची तैयार करने से संबंधित प्रासंगिक कानून छावनी अधिनियम की धारा 27 और 28 में निहित है। यह कहते हुए कि उनका ²ढ़ विश्वास है कि किसी भी मतदाता ने इन वर्गों का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन दुर्भाग्य से एससीबी द्वारा मतदाता सूची से उनके नाम को मनमाने ढंग से हटाकर दंडित किया जा रहा है, अभी तक देश की किसी भी अदालत ने ऐसा फैसला नहीं दिया है जो इनमें से किसी व्यक्ति को एससीबी का अनिवासी घोषित करता हो।

केटीआर ने कहा- एससीबी वोट देने का अधिकार और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं छीन सकता। मतदाताओं के नाम सूची से हटाकर एससीबी ने संविधान के अनुच्छेद 14 का खुले तौर पर उल्लंघन किया है। ऐसी असंवैधानिक परिस्थितियों में, जब अपने मतदाताओं को पहचानने की बात आती है तो एससीबी को पिछड़ते देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं दुख के साथ कहना चाहता हूं कि पांच साल से एससीबी में मतदाताओं की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है। 2018 में 1,91,849 वोटर अब घटकर 1,32,722 वोटर रह गए हैं।

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   15 March 2023 9:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story