केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा- महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट पर फैसला श्रीनगर कार्यालय करेगा

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
दिल्ली केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा- महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट पर फैसला श्रीनगर कार्यालय करेगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि श्रीनगर में पासपोर्ट प्राधिकरण को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट जारी करने के अनुरोध पर नए सिरे से फैसला लेने का निर्देश दिया गया है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल-न्यायाधीश की पीठ महबूबा मुफ्ती की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए उनके आवेदन की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर त्वरित निर्णय लेने की मांग की गई थी।

पीडीपी प्रमुख ने 2020 में नवीनीकरण के लिए श्रीनगर पासपोर्ट कार्यालय से संपर्क किया था, लेकिन इनकार कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का रुख किया। 2021 में, उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि किसी व्यक्ति के पक्ष में अनुदान या अन्यथा पासपोर्ट के मामले में अदालत का दायरा बहुत सीमित है, यह केवल संबंधित अधिकारियों को विषय को नियंत्रित करने वाली कानून की योजना के जनादेश के आलोक में किसी व्यक्ति के मामले पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दे सकता है।

शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने अदालत को सूचित किया कि उनकी अपील पर गुरुवार को फैसला लिया गया और मामला श्रीनगर पासपोर्ट कार्यालय को भेज दिया गया है। यह देखते हुए कि उनके आवेदन की अस्वीकृति के बाद से लगभग दो साल की देरी के बाद मामला क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी को वापस भेज दिया गया है, न्यायाधीश ने अधिकारी को शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सिंह ने आदेश दिया: संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को तीन महीने के भीतर निर्णय लेने दें। याचिका का निस्तारण किया जाता है। पिछले साल नवंबर में, महबूबा मुफ्ती ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के खिलाफ अपनी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय से वापस ले ली थी, जो धन शोधन रोधी कानून पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर थी।

उन्होंने पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती देते हुए दावा किया था कि संविधान के अनुच्छेद 370 को औपचारिक रूप से निरस्त करने के बाद हिरासत से उसकी रिहाई हुई है, तब से राज्य उनके, उनके परिचितों और पुराने पारिवारिक मित्रों के प्रति शत्रुतापूर्ण रहा है, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है। इस दौरान उनके निजी उपकरण जब्त कर लिए गए।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   3 March 2023 1:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story