तमिलनाडु में पीएमएवाई योजना के तहत अनुसूचित जाति के घरों का निर्माण रुका
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के गुडीमंगलम में जाति के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत अनुसूचित जाति (एससी) के लाभार्थियों के घरों के निर्माण की शिकायत मिलने पर फिलहाल इस पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने 2014 में गुडीमंगलम के मुंगिल थोझावु गांव में अनुसूचित जाति अरुंथथियार समुदाय के लोगों के लिए पीएमएवाई योजना के तहत लाभार्थियों को शॉर्टलिस्ट किया था। 2014 में अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों के शीर्षक दस्तावेजों को स्वीकृत कर लिया गया था और सितंबर 2021 में घरों के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई थी।
गुडीमंगलम में अरुंथथियार समुदाय के एक व्यक्ति सुरेश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम रोज के कमाने-खाने वाले व्यक्ति हैं। हमारा अपना कोई आवास नहीं है। हमने 2014 में जमीन और घर के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया था और हमें जमीन के मालिकाना हक या पट्टा के साथ मंजूरी दी गई थी। विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया और सितंबर 2021 में निर्माण शुरू करने की अनुमति मिली। उन्होंने कहा कि जब सब कुछ स्पष्ट हो गया, तो क्षेत्र के सवर्ण हिंदुओं ने हस्तक्षेप किया और कहा कि वे निर्माण नहीं कर सकते, क्योंकि निर्धारित संपत्ति एक कब्रगाह के करीब है।
सुरेश ने कहा, श्मशान भूमि का उपयोग एससी समुदाय द्वारा किया जाता है और हमें इन घरों के निर्माण में कोई समस्या नहीं है और जहां तक हमारी जानकारी है, इन सवर्ण हिंदुओं ने हमारे घरों के निर्माण पर आपत्ति जताई क्योंकि वे हमारे आसपास रहना पसंद नहीं करते हैं।
पीएमएवाई योजना के तहत अनुसूचित जाति के सदस्यों का निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। एक ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्तों पर आईएएनएस को बताया कि उनको सवर्ण हिंदुओं के एक समूह ने धमकी दी है।
पीएमएवाई योजना के लिए जमीन आवंटित करने और सब्सिडी के तहत धनराशि स्वीकृत करने वाले ब्लॉक अधिकारियों सहित क्षेत्र के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया, ठेकेदार ने बीच में ही काम क्यों रोका है, इसकी जांच की जा रही है। यदि यह स्पष्ट है कि ठेकेदार के पीछे हटने का मामला जाति से जुड़ा हुआ है, तो यह एक गंभीर मुद्दा है। सभी संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तमिलनाडु के गांव जाति के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। जाति के नाम पर लोगों को अलग-थलग करने के पहले भी मामले सामने आ चुके है।
(आईएएनएस)
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Created On :   29 Sept 2022 2:00 PM IST