कैबिनेट ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन को मंजूरी दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
नए संशोधन जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीड स्टॉक की अनुमति देंगे और 2030 से पेट्रोल में इथेनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण के इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को 2030 से एर 2025-26 तक आगे बढ़ाएंगे। इससे मेक इन इंडिया कार्यक्रम, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात उन्मुख इकाइयों में स्थित इकाइयों द्वारा देश में जैव ईंधन के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
संशोधन विशिष्ट मामलों में जैव ईंधन के निर्यात की अनुमति देने और राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) की बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों के अनुरूप नीति में कुछ वाक्यांशों में संशोधन करने के लिए भी हैं।
जैव ईंधन उत्पादन बढ़ाने के लिए एनबीसीसी की बैठकों में लिए गए विभिन्न निर्णय, स्थायी समिति की सिफारिश और 1 अप्रैल से पूरे देश में 20 प्रतिशत तक इथेनॉल के साथ इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पेश करने के निर्णय को संशोधनों के बावजूद जैव ईंधन पर बनी राष्ट्रीय नीति में शामिल किया जाना है।
सरकार के एक बयान में कहा गया है कि यह प्रस्ताव स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को भी आकर्षित करेगा और बढ़ावा देगा, जो मेक इन इंडिया अभियान का मार्ग प्रशस्त करेगा और इस तरह अधिक रोजगार पैदा करेगा, साथ ही अधिक से अधिक जैव ईंधन के उत्पादन से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में कमी आएगी।
चूंकि जैव ईंधन के उत्पादन के लिए कई और फीड स्टॉक की अनुमति दी जा रही है, इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा और 2047 तक भारत के ऊर्जा स्वतंत्र बनने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को गति मिलेगी।
जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 4 जून, 2018 को जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति के अधिक्रमण में अधिसूचित किया गया था, जिसे 2009 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के माध्यम से प्रवर्तित किया गया था।
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Created On :   18 May 2022 7:00 PM IST