भारतीय मूल के ब्रिटिश पुलिस अधिकारी ब्रिटेन सरकार पर कर सकते हैं मुकदमा

British police officers of Indian origin can sue the UK government
भारतीय मूल के ब्रिटिश पुलिस अधिकारी ब्रिटेन सरकार पर कर सकते हैं मुकदमा
ब्रिटेन भारतीय मूल के ब्रिटिश पुलिस अधिकारी ब्रिटेन सरकार पर कर सकते हैं मुकदमा
हाईलाइट
  • एनसीए अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो के बराबर है

डिजिटल डेस्क, लंदन। भारतीय मूल के ब्रिटिश पुलिस अधिकारी नील बसु के बारे में कहा जा रहा है कि वह अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि कथित तौर पर ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के महानिदेशक पद के लिए नियुक्ति में उनकी अनदेखी की गई थी। एनसीए अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो के बराबर है।

उन्होंने ब्रिटेन के संडे टाइम्स अखबार से कहा, जिस तरह से प्रक्रिया समाप्त हुई है, उससे मैं निराश हूं और फिर से आवेदन नहीं करूंगा। मैं गृह कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगूंगा।

गृह कार्यालय के सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक मैथ्यू राइक्रॉफ्ट ने कथित तौर पर उन्हें सूचित किया कि उन्हें और एक अन्य अधिकारी को नौकरी के लिए शॉर्ट-लिस्ट किया गया था, पर उनका चयन नहीं किया जाएगा। यह ज्ञात नहीं है कि उन्होंने ऐसा निर्णय लेने के पीछे क्या कारण बताया है।

गृह कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, इस महत्वपूर्ण भूमिका और नियुक्ति के लिए एक निष्पक्ष और खुली भर्ती अभियान चल रहा है।

संडे टाइम्स को लगता है कि अगर बसु को संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो वह निवारण के लिए अदालत या न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ब्रिटेन के सबसे अधिक बिकने वाले टैब्लॉइड डेली मेल ने पुष्टि की कि वह अपने अगले कदम के बारे में वकीलों से परामर्श कर रहे हैं।

एक प्रमुख कानून प्रवर्तन संगठन का नेतृत्व करने के लिए किसी व्यक्ति को चुनने की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू होगी।

द गार्जियन के मुताबिक, एक व्हाइटहॉल स्रोत ने दावा किया कि चयन प्रक्रिया को रोक दिया गया, क्योंकि डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय) ने हस्तक्षेप किया और मेट (स्कॉटलैंड यार्ड) के पूर्व आयुक्त व मुखर समर्थक बर्नार्ड होगन-होवे और एनसीए की भूमिका के लिए बोरिस जॉनसन का समर्थन हासिल किया।

अनिल कांति नील बसु एक डॉक्टर के बेटे हैं, जो 1960 के दशक में कोलकाता से आए थे। उन्होंने पुलिस अधिकारी बनने के लिए बैंकिंग छोड़ दी। वह स्कॉटलैंड यार्ड में सहायक आयुक्त रहे हैं, जिनका आतंकवाद-रोधी दस्ते के प्रमुख के रूप में एक विशिष्ट रिकॉर्ड है। वह कॉलेज ऑफ पुलिसिंग के निदेशक रहे हैं, जो रणनीतिक कमांड कोर्स का नेतृत्व करते हैं और पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवा में सबसे वरिष्ठ रैंकों में पदोन्नति के लिए तैयार करते हैं। इसलिए उनका सहयोगी उन्हें बहुत आदर देते हैं।

बसु के बारे में जाना जाता है कि अतीत में जॉनसन के साथ उनका मतभेद था। गृह सचिव प्रीति पटेल उनके खिलाफ हैं और यह अनुमान लगाया गया है कि जब से स्कॉटलैंड यार्ड प्रमुख और एनसीए डीजी के पद रिक्त हुए हैं, तब से वह उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रही हैं।

लंदन के मेयर सादिक खान बसु को शीर्ष पर रखना चाहते थे, लेकिन जाहिर तौर पर ब्रिटिश भारतीय ने कमिश्नर के कांटेदार ताज के लिए आवेदन नहीं किया।

पिछले हफ्ते एक मीडिया साक्षात्कार में बसु ने ब्रिटेन में पुलिस प्रमुखों को यह स्वीकार करने के लिए बुलाया कि देश की पुलिसिंग में संस्थागत नस्लवाद है। उन्होंने कहा कि जातीय अधिकारियों को रैंकों में बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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Created On :   30 May 2022 8:00 PM IST

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