भाजपा ने कहा शराबबंदी से आया बदलाव राजद और कांग्रेस को पसंद नहीं

BJP said that RJD and Congress do not like the change brought about by prohibition
भाजपा ने कहा शराबबंदी से आया बदलाव राजद और कांग्रेस को पसंद नहीं
बिहार भाजपा ने कहा शराबबंदी से आया बदलाव राजद और कांग्रेस को पसंद नहीं
हाईलाइट
  • जहरीले जाम से हुई मौतों पर राजनीति

डिजिटल डेस्क, पटना । बिहार में शराबबंदी के दौरान हाल के दिनों में हुई लोगों की मौत के बाद इस कानून को लेकर सियासत जारी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद आया बदलाव राजद और कांग्रेस के गले नहीं उतर रहा है।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि नशा वह समाजिक विकृति है जो न जाने कितने ही परिवारों की खुशियों को निगल चुका है। उन्होंने कहा कि नशे में मनुष्य, मनुष्य नहीं रह जाता । उन्होंने कहा  सामाजिक विकृति को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में शराबबंदी को लागू किया था जिससे यहां न केवल घरेलू हिंसा में कमी आयी है, बल्कि अब शराब के पैसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व पोषण पर खर्च होने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जहां आम लोगों के जीवन के खुशहाली आयी है वहीं इस बदलाव ने राजद-कांग्रेस जैसी विचारधारा रहित परिवारवादी पार्टियों की बेचैनी बढ़ा दी है। उन्होंने यहां तक कहा कि इन दलों के नेता शराबबंदी को फेल करने में जी-जान से जुटे हुए हैं। लोगों की माने तो शराब के अवैध व्यवसाय में संलिप्त अधिकांश लोग इन्हीं दोनों पार्टियों से जुड़े हुए हैं। इनके दो ही मकसद है, पहला कि इस अवैध धंधे से ज्यादा से ज्यादा कमाई की जाए और दूसरा सरकार को बदनाम करें। यही वजह है कि इनका कोई नेता शराबबंदी में सहयोग करना तो दूर इसके पक्ष में एक बयान तक नहीं देते। इनकी मंशा बिहार में फिर से पहले वाला आतंकराज कायम हो और महिलाओं के खिलाफ हिंसा होती रहे।

शराबबंदी से हुई मौतों पर भाजपा नेता रंजन ने कहा कि शराब पीना न केवल अनैतिक है बल्कि दंडनीय अपराध भी है। इसके बावजूद कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए शराब के कारोबार में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चंद पैसों के लिए यह लोग शराब के नाम पर जहर बेच रहे हैं, जिनके जाल में फंस कर भोले-भाले लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग अपने इलाकों में शराब के अवैध व्यापार में लिप्त लोगों की सूचना प्रशासन को दें तथा साथ ही ऐसे तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करें।

 

(आईएएनएस)

Created On :   18 Nov 2021 2:31 PM IST

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