तेलंगाना में हिंदुत्व कार्ड के भरोसे अगले साल चुनाव जीतने की भाजपा की योजना
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना में आक्रामक रुख अपनाते हुए भारतीस जनता पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिक कार्ड खेलकर 2023 के चुनावों में राज्य की सत्ता पर काबिज होने की तैयारी कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी संजय, विवादास्पद विधायक राजा सिंह और अन्य नेताओं के हालिया बयानों से पता चलता है कि पार्टी अपने मिशन 2023 को हासिल करने के लिए ध्रुवीकरण पर बड़ा दांव लगा रही है। करीमनगर से सांसद बी संजय ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना में मुस्लिम शासकों ने कई मंदिरों को ध्वस्त कर दिया और उन पर मस्जिदों का निर्माण किया। उन्होंने सभी मस्जिदों में खुदाई कराने की मांग करते हुए कहा कि इनके नीचे शिवलिंग मिलने की संभावना है।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि अगर भाजपा तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो वह सभी मदरसों को खत्म कर देगी, मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म कर देगी और दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में ऊर्दू को हटा देगी। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और विपक्षी कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने भाजपा नेता के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
विधायक राजा सिंह ने इस महीने की शुरूआत में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। हैदराबाद पुलिस ने मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उन पर मामला दर्ज किया था। गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी करने के लिए जाना जाता है और उन पर पहले भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है। राजा सिंह ने हाल ही में तेलंगाना में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल करने के अपने इरादे के बारे में भी बात की थी।
फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच उन्होंने अपने ट्वीट से विवाद खड़ा कर दिया था। राजा सिंह ने उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के बाद एक वीडियो जारी किया था, जिसमें मतदाताओं को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया तो उनके घर तोड़ दिए जाएंगे और उन्हें राज्य से बाहर कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद राजा सिंह ने इस विषय पर एक और विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने इस बार टीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) को निशाना बनाया।
राजा सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तेलंगाना में बुलडोजर भेज रहे हैं। उन्होंने पार्टी की ओर से आयोजित समारोह में कहा, जिस तरह योगी जी ने उत्तर प्रदेश में माफिया के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया, बी संजय के नेतृत्व में तेलंगाना में निश्चित रूप से इन गुंडों और एमआईएम के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाएगा। तेलंगाना में किसी भी गुंडे या माफिया को बख्शा नहीं जाएगा। कुछ दिनों बाद राजा सिंह ने लोगों से टीआरएस के भ्रष्टाचार, भूमि, संपत्ति आदि के अतिक्रमणों की एक सूची बनाने का आग्रह किया ताकि इन्हें ध्वस्त किया जा सके।
भाजपा विधायक ने कहा, तेलंगाना में भी टीआरएस के भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए एक मजबूत बुलडोजर आएगा जैसे योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में माफिया को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया है। मैं जनता से सांसदों, विधायकों और टीआरएस के मंत्रियों द्वारा सभी भ्रष्ट गतिविधियों और सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों, गरीबों और किसानों की भूमि पर किए गए अतिक्रमण की पहचान करने की अपील करता हूं।2020 और 2021 में दो विधानसभा उपचुनावों में जीत और 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनावों में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ भाजपा खुद को टीआरएस के एकमात्र विकल्प के रूप में पेश कर रही है।
पारिवारिक शासन और भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री केसीआर पर निशाना साधते हुए भाजपा अल्पसंख्यक तुष्टीकरण पर भी ध्यान दे रही है। अपनी 26 मई की हैदराबाद यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना को पारिवारिक शासन और तुष्टिकरण से मुक्त करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश को बांटने की साजिश रची और तेलंगाना पर दमन के साथ शासन करने का सपना देखा, वे न तो आजादी के समय सफल हुए और न ही अब सफल होंगे।
एमआईएम के साथ दोस्ती के लिए भाजपा नेता टीआरएस की आलोचना करते रहे हैं। उनका कहना है कि कार (टीआरएस का चुनाव चिह्न्) की स्टीयरिंग ओवैसी के हाथ में है। भाजपा नेता वादा कर रहे हैं कि अगर वे सत्ता में आए तो वे हैदराबाद के पुराने शहर में एमआईएम के अत्याचारों की जांच करेंगे। वे यह भी वादा कर रहे हैं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो तेलंगाना मुक्ति दिवस आधिकारिक तौर पर मनाया जाएगा।
अमित शाह और जे पी नड्डा जैसे भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बार-बार आरोप लगाया है कि टीआरएस आधिकारिक तौर पर एमआईएम के दबाव में मुक्ति दिवस नहीं मना रही है। हैदराबाद के निजाम की सेना के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद 17 सितंबर 1948 को तत्कालीन हैदराबाद का भारत में विलय कर दिया गया था। हैदराबाद में एक लोकसभा और सात विधानसभा सीटों के साथ, एमआईएम एक प्रमुख राजनीतिक ताकत है। वह राज्य के बाकी हिस्सों में टीआरएस का समर्थन करती रही है।
राजनीतिक विश्लेषक पी. राघवेंद्र रेड्डी ने कहा, 2014 से ही भाजपा का फॉमूर्ला हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करना था, जो भगवा पार्टी के पक्ष में हिंदू वोटों को मजबूत करने में मदद करेगा। राज्य दर राज्य और चुनाव दर चुनाव हमने देखा कि कैसे भाजपा ने यह कार्ड खेला। उन्होंने कहा, साल 2019 के बाद से भगवा ब्रिगेड पूरे साल हिंदुत्व या हिंदू खतरे में हैं कार्ड खेल रही है। भाजपा का मानना है कि जब वे इस अभियान को जारी नहीं रखेंगे, चुनावी सफलता आसान नहीं होगी।
सोर्स- आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   26 Jun 2022 7:00 PM IST