बिहार में बीजेपी ने किया बड़ा उलटफेर, जायसवाल को हटाकर सम्राट चौधरी को बनाया प्रदेशाध्यक्ष, सीएम नीतीश कुमार को घेरने का है फुलप्रूफ प्लान
डिजिटल डेस्क,पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार भाजपा ने अहम फैसला लिया है। चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी हाईकमान ने संजय जायसवाल की जगह बिहार विधानसभा परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी का नाम तय कर दिया है, जो भाजपा के लिए राज्य में रामबाण साबित हो सकते हैं क्योंकि इनकी प्रदेश की कुशवाहा जाति में अच्छी खासी पकड़ है।
बिहार की राजनीति को सही तरह से जानने वाले बताते हैं कि अगर सीएम नीतीश कुमार को हराने के लिए कोई विकल्प होगा तो उनकी कोर वोट बैंक जो कुशवाहा जाति से आती है उस पर चोट करना होगा तब शायद जाकर भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी या सरकार बना सकती है।
सम्राट चौधरी बने बिहार प्रदेश अध्यक्ष
सम्राट चौधरी बिहार की राजनीति में भाजपा के लिए अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। सम्राट मौजूदा समय में बिहार विधानसभा के एमएलसी और नेता प्रतिपक्ष हैं, और अपने धारदार सवालों के जरिए परिषद में मौजूदा महागठबंधन की सरकार को खूब फटकारते हुए दिखाई देते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनकी राजनीति में सक्रियता को लेकर और उनके कद्द व तर्कों को देखते हुए बीजेपी हाईकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने का मौका दिया है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2023
आरजेडी में मंत्री पद पर रह चुके हैं चौधरी
दरअसल, बिहार की राजनीति में सम्राट चौधरी एक बड़ा नाम हैं। बीजेपी में आने से पहले सम्राट आरजेडी में थे। वहीं लालू यादव की सरकार में वो सबसे कम उम्र के मंत्री भी रह चुके हैं। जिसकी वजह से लालू की पार्टी में खूब सिरफुटव्वैल भी हुआ था और उनके नेताओं ने सवाल उठाए थे कि इतने कम उम्र में चौधरी को मंत्री बना कर सीनियर नेताओं की ओर एक बार फिर देखा नहीं गया था। हालांकि, इन सबसे इतर पार्टी में परिस्थितयां असामान्य होने पर सम्राट चौधरी ने राजद छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया और आज इनको हाईकमान ने पूरी प्रदेश भाजपा की कमान संभालने के लिए बागडोर दे दिया है।
आपको बता दें कि, सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी भी मंत्री के पद पर रह चुके हैं। इनका नाम उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने समता पार्टी का गठन किया। हालांकि, आज ये पार्टी बिहार में उतनी सक्रिय नहीं हैं लेकिन इसको बनाने में शकुनी चौधरी ने अहम भूमिका निभाई थी। जो खुद कुशवाहा समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं।
कितना फायदा पहुंचाएंगे चौधरी
भाजपा ने बिहार में अपना नेतृत्व बदलकर तमाम प्रमुख पार्टियों को यह संदेश दे दिया है कि वो भी पूरी तरह चुनावी अखाड़े में उतरने के लिए तैयार हो गई है। सम्राट चौधरी को बीजेपी हाईकमान ने इसलिए बिहार का नेतृत्व करने का मौका दिया है क्योंकि वो खुद कुशवाहा समाज से आते हैं। भाजपा को विश्वास है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक कहा जाने वाला कुशवाहा समाज में वो भारी भरकम तरह से सेंध लगा सकते हैं। जिससे बिहार महागठबंधन की सरकार को चुनावी नतीजों में आसानी से पछाड़ा जा सकेगा।
संजय जायसवाल को क्यों हटाया गया?
भाजपा नेता संजय जायसवाल को अध्यक्ष पद से हटाने की वजह उनकी प्रदेश में सक्रियता का कम होना बताया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जायसवाल को इस पद से हटाने की वजह
- प्रदेश की राजनीति में ज्यादा सक्रिय न होना।
- डोर टू डोर लोगों से न मिलना।
- वोटर्स को एकजुट न रख पाना।
- विपक्षी पार्टियों पर ज्यादा आक्रामक न होना।
- बिहार सरकार की खामियों को जनता के समझ न लाना।
- बिहार के नेतृत्व में बदलाव की मांग होना।
इन तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए बीजेपी हाईकमान ने बिहार नेतृत्व में बड़ा बदलाव किया है, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सके।
Created On :   23 March 2023 2:11 PM IST