भाजपा प्रमुख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

BJP chief sent to 14 days judicial custody
भाजपा प्रमुख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
तेलंगाना भाजपा प्रमुख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना के करीमनगर शहर की एक अदालत ने रविवार रात विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने और आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में राज्य भाजपा प्रमुख और सांसद बंदी संजय कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मजिस्ट्रेट ने संजय की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें और चार अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में इन सभी को करीमनगर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। संजय के वकील ने पुलिस द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 333 के तहत मामला दर्ज करने पर आपत्ति जताई।

पुलिस ने हालांकि अपनी कार्रवाई का बचाव किया और अपनी रिमांड रिपोर्ट में सांसद के खिलाफ पूर्व में दर्ज 10 मामलों का हवाला दिया। भाजपा के एक नेता ने कहा कि संजय जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। संजय को रविवार रात उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के तबादले से संबंधित आदेश में संशोधन की अपनी मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को नाकाम कर दिया। हाई ड्रामा और तनाव के बीच पुलिस ने संजय की जागरण दीक्षा को उनके कैंप ऑफिस में नाकाम कर दिया।

रातभर मनाकोंदूर पुलिस स्टेशन में रखे गए सांसद को सोमवार को करीमनगर शहर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में तनाव व्याप्त हो गया, क्योंकि संजय की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता वहां जमा हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और करीमनगर के पुलिस आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की पुलिस अधिकारियों से बहस हो गई। तनाव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

करीमनगर के पुलिस आयुक्त सत्यनारायण ने संवाददाताओं को बताया कि टू टाउन पुलिस स्टेशन में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने शारीरिक दूरी न बनाए रखने और मास्क नहीं पहनने पर 21 व्यक्तियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया। उन्होंने कहा कि 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें नोटिस जारी कर रिहा कर दिया गया।

एक अन्य मामले में, डीएम अधिनियम के उल्लंघन के अलावा पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में 16 लोगों और अन्य पर मामला दर्ज किया गया। संजय समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने डीएम एक्ट की धारा 188, 332, 333, 149, 147, 188 और धारा 5 (बी) के तहत आईपीसी की धाराएं लगाईं। पुलिस प्रमुख ने कहा कि हमले में एक सहायक पुलिस आयुक्त और एक सर्क ल इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि कोविड नियमों का पालन करने के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, सांसद और अन्य ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। उन्होंने दंगा किया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया।

पुलिस ने बैठकों, रैलियों और अन्य सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों का हवाला देते हुए करीमनगर के सांसद को विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पार्टी ने 10 घंटे तक चले धरने के लिए सांसद कार्यालय के बाहर मंच बनाया था। हालांकि, संजय अपने समर्थकों के साथ अपने कार्यालय में घुसने में कामयाब रहे और पुलिस को परिसर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। जब पुलिस ने उनके विरोध को विफल कर दिया, तब सांसद के समर्थकों ने आत्मदाह की धमकी दी, जिससे तनाव व्याप्त हो गया।

पुलिसकर्मियों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की। सांसद और उनके समर्थकों ने गिरफ्तारी का विरोध करने की कोशिश की। पुलिस को संजय और 170 अन्य को गिरफ्तार करने और प्रतीक्षारत पुलिस वाहनों में भेजने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। संजय को शहर के बाहर मनाकोंदूर पुलिस थाने ले जाया गया, जबकि गिरफ्तार किए गए अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अन्य पुलिस थानों में स्थानांतरित कर दिया गया। इस बीच भाजपा नेता और पूर्व मंत्री एटाला राजेंद्र ने संजय की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक करार दिया और कहा कि सांसद अपने कार्यालय में शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे थे, लेकिन पुलिस ने राज्य सरकार के कहने पर सख्ती की।

(आईएएनएस)

Created On :   3 Jan 2022 1:30 PM GMT

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