सरकारी स्कूलों में केजरीवाल मॉडल अपना सकते हैं बिहार के शिक्षा मंत्री (आईएएनएस साक्षात्कार)

Bihar Education Minister may adopt Kejriwal model in government schools (IANS Interview)
सरकारी स्कूलों में केजरीवाल मॉडल अपना सकते हैं बिहार के शिक्षा मंत्री (आईएएनएस साक्षात्कार)
बिहार सियासत सरकारी स्कूलों में केजरीवाल मॉडल अपना सकते हैं बिहार के शिक्षा मंत्री (आईएएनएस साक्षात्कार)

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने बुधवार को कहा कि वह बिहार में अरविंद केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों में लागू किए गए शिक्षा मॉडल को अपना सकते हैं। राजद विधायक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर बिहार के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होता है तो ऐसे मॉडल को अपनाने में कोई बुराई नहीं है।

पेश हैं इंटरव्यू के प्रमुख अंश:

प्रश्न: क्या आप बिहार में शिक्षा के केजरीवाल मॉडल को अपनाएंगे?

उत्तर: बिहार में शिक्षा का वार्षिक बजट लगभग 50,000 करोड़ रुपये है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं है। मैंने दिल्ली में शिक्षा के केजरीवाल मॉडल के बारे में जाना है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दुनिया भर से कई लोग आए हैं। अगर यह बिहार की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है, तो ऐसे मॉडल को अपनाने में कोई बुराई नहीं है। हम दिल्ली के स्कूलों का दौरा करेंगे और अगर हम पाते हैं कि शिक्षा का तरीका वास्तव में उतना ही अच्छा है, जैसा बताया जा रहा है, तो हम निश्चित रूप से इसे अपनाएंगे।

प्रश्न: सामाजिक न्याय के प्रति आपकी क्या प्रतिबद्धता होगी?

उत्तर: हम सामाजिक न्याय की वकालत कर रहे हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें सांप्रदायिक ताकतों की परवाह नहीं है। वे चाहें तो गोलवलकर के विचारों का प्रसार करें, हम अंबेडकर की विचारधारा पर ही आगे बढ़ेंगे।

प्रश्न: शिक्षकों के लिए समान काम, समान वेतन पर आपका क्या विचार है?

उत्तर: इस समय शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। यदि शिक्षक आवश्यक आउटपुट उत्पन्न करते हैं, तो हम नीति को बदलने में संकोच नहीं करेंगे। स्कूलों में वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे लिए चिंता का विषय है।

प्रश्न: विश्वविद्यालयों में सत्र देर से होने पर आपका क्या विचार है?

उत्तर: विश्वविद्यालयों में देर से सत्र हमारे लिए चिंता का कारण है। हमने उन्हें जल्दी से परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा है। हालांकि, हमें यह भी शिकायतें मिली हैं कि एक के बाद एक परीक्षा आयोजित करने से छात्रों पर बोझ पड़ता है। फिर भी हम इस पर काम कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   17 Aug 2022 6:00 PM GMT

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