छत्तीसगढ़िया गौरव के ध्वजवाहक भूपेश बघेल

Bhupesh Baghel, flag bearer of Chhattisgarhiya pride
छत्तीसगढ़िया गौरव के ध्वजवाहक भूपेश बघेल
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया (राज्य के मूल निवासी) गौरव के ध्वजवाहक के रूप में अपनी छवि स्थापित की है। भूपेश बघेल सबसे कम जनता के गुस्से का सामना करने वाले मुख्यमंत्री है। हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़िया भावनाओं के उदय के साथ, राज्य के लगभग तीन करोड़ लोग उन्हें रक्षक के रूप में मानते हैं।

भूपेश बघेल ने सरकारी सहायता से कई प्राचीन त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लोकप्रिय बनाया है। राज्य सरकार के प्रत्यक्ष प्रायोजन के तहत गांवों में लोकप्रिय पुराने देसी खेलों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस महीने एक अनूठा छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शुरू किया है।

भूपेश बघेल शारीरिक रूप से देश के सबसे फिट मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। वह अपनी प्रमुख योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए दिन में लगभग 16 घंटे लगातार काम करते हैं। उनकी आधिकारिक बैठकों और कार्यक्रमों का दैनिक कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू होता है जो आधी रात के बाद तक चलता है।

उन्होंने गोधन न्याय योजना जैसी अपनी प्रमुख योजनाओं के साथ छत्तीसगढ़ में विशाल ग्रामीण परि²श्य में एक आर्थिक क्रांति की शुरूआत की है, जिसे जुलाई 2020 में पशुपालकों, जैविक किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के मुख्य उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था।

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने इस साल जुलाई में किसानों से 4 रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र खरीदने की योजना शुरू की थी। यह पहल एक बड़ी सफलता साबित हो रही है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ, भूपेश बघेल ने किसानों को आर्थिक रुप से मजबूत बना दिया, और राज्य के अधिकांश किसानों के पास अब अपनी आय से और बिना ऋण लिए भी ट्रैक्टर हैं।

बघेल त्वरित नीतिगत निर्णय लेते हैं। उन्होंने नौकरशाहों को निर्देश दिया है कि वे जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं के उचित क्रियान्वयन पर लगातार नजर रखें। यदि योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू नहीं किया जाता है तो वह शीर्ष अधिकारियों को निलंबित करने या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे। हाल के महीनों में सबसे कम बेरोजगारी छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई। सितंबर के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 99.9 प्रतिशत वयस्क आबादी लगभग आजीविका के विकल्पों से जुड़ी हुई है।

छत्तीसगढ़ देश के सबसे खराब नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन भूपेश बघेल-शासन के दौरान स्थिति काफी बदल गई है। उन्होंने सड़कों का निर्माण किया। घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों में स्कूल और अस्पताल खोले। सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को हर गांव तक पहुंचाया। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों में निमार्ण कराया, जहां 1980 के दशक के अंत से नक्सलियों का एकाधिकार था। पिछले दो वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।

 

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Created On :   18 Oct 2022 3:00 PM IST

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