भूपेंद्र पटेल होंगे गुजरात के नए मुख्यमंत्री, बैठक में हुआ फैसला
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे। पटेल घाटलोडिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वहीं प्रह्लाद जोशी और नरेंद्र सिंह तोमर गुजरात के नए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। रविवार को गांधीनगर में बीजेपी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। भूपेंद्र पटेल अब राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलेंगे। इसके बाद शपथ लेने की तारीख तय की जाएगी। दिसंबर 2022 में 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं।
Gujarat: BJP MLA Bhupendra Patel elected as the new leader of BJP Legislative Party pic.twitter.com/nXeYqh7yvm
— ANI (@ANI) September 12, 2021
पहली बार के विधायक है पटेल
राज्यपाल नियुक्त होने से पहले आनंदीबेन पटेल ने घाटलोडिया निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया, जो 2017 के गुजरात चुनावों में सबसे अधिक जीत का अंतर था।
पहली बार विधायक बने पटेल पाटीदार समुदाय के सदस्य हैं। उन्होंने अहमदाबाद में मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष, अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के पदों पर भी कार्य किया है।पटेल ने सिविल में डिप्लोमा किया है।
भूपेंद्र पटेल को आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता रहे भूपेंद्र पटेल अमित शाह के करीबी नेताओं में भी गिने जाते हैं।
कौन थे सीएम के दावेदार?
विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के लिए उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पूर्व मंत्री गोरधन जदाफिया और दादरा और नागर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल का नाम आगे चल रहा था था।
उनके अलावा, गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के भी मैदान में होने की अफवाह थी। पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री की दौड़ में कहीं नहीं थे।
बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद विधायक दल की बैठक शुरू हुई तब तक मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, नितिन पटेल जैसे नेताओं के नाम की चर्चा थी लेकिन अंतिम क्षणों में एक नाम भूपेंद्र पटेल सामने आया जो काफी चौंकाने वाला रहा।
रूपाणी ने क्यो दिया इस्तीफा?
विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था, "मैंने राज्य के विकास में योगदान दिया है। मेरी पार्टी जो भी कहेगी, मैं आगे करूंगा।"
रूपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि उनके जाने का क्या कारण रहा होगा।
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस के एक सर्वे में सामने आया है कि विजय रूपानी को कैंपेन का फेस रखने पर भाजपा के लिए गुजरात में अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा।
इसके अलावा, राज्य में 27 वर्षों तक शासन करने के बाद, सत्ता विरोधी भावना गुजरात में भाजपा की उपस्थिति के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
इससे पहले कर्नाटक 26 जुलाई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पद से इस्तीफा दे दिया था। येदुयुरप्पा के कार्यकाल को समाप्त होने में लगभग दो साल बाकी थे।
वहीं उत्तराखंड में, तीरथ सिंह रावत ने 2 जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
Created On :   12 Sept 2021 4:36 PM IST