आयोग को रामपुर उपचुनाव की अधिसूचना टालने का निर्देश

Azam Khans disqualification case: Commission directed to postpone notification of Rampur by-election
आयोग को रामपुर उपचुनाव की अधिसूचना टालने का निर्देश
आजम खां की अयोग्यता मामला आयोग को रामपुर उपचुनाव की अधिसूचना टालने का निर्देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी करने को 11 नवंबर तक टालने का निर्देश दिया, क्योंकि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां 2019 के हेट स्पीच केस में गुरुवार को अपीलीय अदालत के समक्ष अपील दायर कर इस मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रामपुर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को खां के आवेदन पर सुनवाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया, क्योंकि गुरुवार को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की गई थी और उसी दिन फैसला भी किया गया था। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने चुनाव आयोग से दोषसिद्धि पर रोक लगाने के आवेदन के परिणाम के आधार पर 11 नवंबर को या उसके बाद गजट अधिसूचना जारी करने को कहा।

सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार से पूछा, क्या आप कल 72 घंटे के लिए गजट अधिसूचना जारी कर सकते हैं, ताकि वह हाईकोर्ट जा सकें और सजा पर रोक लग सके? उन्होंने कहा कि इस तत्परता पर भी गौर करें कि दोषसिद्धि के अगले ही दिन। सीट रिक्त घोषित कर दी गई।

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग से कहा, क्या आप सभी दोषियों के मामले में ऐसा करेंगे? पीठ ने कहा कि दूसरे जिले के एक विधायक को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उनकी अयोग्यता पर अगले दिन कोई फैसला नहीं हुआ।

आजम खां का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने तर्क दिया कि 27 अक्टूबर को अभद्र भाषा के मामले में उनके मुवक्किल को दोषी ठहराए जाने के अगले दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने रामपुर सीट को खाली घोषित कर दिया।

उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई अभूतपूर्व और राजनीति से प्रेरित थी। चिदंबरम ने कहा कि हालांकि खतौली निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक को 11 अक्टूबर को पारित एक आदेश द्वारा दो साल के लिए दोषी ठहराया गया था, लेकिन उन पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि चुनाव आयोग ने रामपुर सीट के लिए उपचुनाव के कार्यक्रम को अधिसूचित करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और आधिकारिक गजट अधिसूचना गुरुवार को प्रकाशित होने वाली है।

आयोग के वकील दातार ने दलील दी कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषसिद्धि पर अयोग्यता स्वत: साबित हो जाती है और अधिनियम के प्रावधान जो दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील के लंबित रहने के दौरान अयोग्यता को फ्रीज करने की अनुमति देता है।

पीठ ने दातार से आजम खां को कुछ उचित समय देने के लिए कहा, अन्यथा यह एक चुनिंदा अभ्यास के रूप में दिखाई देगा, जो इस बात पर निर्भर करता है कि दोषी का राजनीतिक जुड़ाव क्या है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 27 अक्टूबर को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खां को अयोग्य घोषित कर दिया गया था और रामपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसका वह प्रतिनिधित्व कर रहे थे, को खाली घोषित कर दिया गया था।

खां की याचिका का निपटारा करते हुए शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रामपुर को गुरुवार को दोषसिद्धि पर रोक के लिए उनके आवेदन पर फैसला करने का निर्देश दिया और कहा कि चुनाव आयोग 11 नवंबर को या उसके बाद उपचुनाव के संबंध में अधिसूचना जारी कर सकता है।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   9 Nov 2022 2:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story