कांग्रेस छोड़ने का फैसला आजाद ने सोच समझ कर लिया होगा, जम्मू-कश्मीर में होगा इसका असर: डॉ. कर्ण सिंह
- जनता में हर एक पार्टी के लोग होते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी से गुलाम नबी आजाद के छोड़कर जाने पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर कर्ण सिंह का मानना है कि इससे जम्मू कश्मीर पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, वो समझदार हैं उन्होंने जो कदम उठाया सोच समझकर ही उठाया होगा। इसका जम्मू-कश्मीर पर असर पड़ेगा।
डॉ कर्ण सिंह ने आईएएनएस से विभिन्न मसलों पर राय रखी। कांग्रेस पार्टी से खुद को अलग महसूस करने और गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा, आजाद मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। 1971 में जब मैंनें चुनाव दूसरी बार लड़ा, उस वक्त से हम साथ हैं। 50 से अधिक वर्षों से हमारे संबंध हैं। वो समझदार हैं उन्होंने जो कदम उठाया सोच समझकर ही उठाया होगा। इसका जम्मू कश्मीर पर असर पड़ेगा। मेरी जानकारी के अनुसार, बहुत सारे लोग कांग्रेस छोड़कर उनके साथ चल रहे हैं।
सवाल : क्या आप भी पार्टी छोडेंगे?
जवाब: मैं 90 वर्ष का हो गया हूं, मुझे पता मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
महाराजा हरि सिंह की जयंती पर 23 सितंबर को सरकारी अवकाश की मांग को मंजूरी मिलने पर महाराजा हरि सिंह के बेटे एवं कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उपराजयपाल मनोज सिन्हा का शुक्रिया अदा किया है।
कर्ण सिंह ने कहा, मेरे बेटे अजातशत्रु और विक्रमादित्य विधान परिषद के सदस्य थे, तो उन्होंने सदन में छुट्टी के बारे में प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन वह आगे बढ़ा नहीं, हालंकी पिछले कुछ महीनों में इसको लेकर बहुत मशक्कत हुई। युवा पीढ़ी नें आगे आकर इसपर संघर्ष किया और कार्य किया। हालांकि इसपर किसी धर्म नें विरोध नहीं किया सबका समर्थन रहा।
सवाल: बतौर कांग्रेस नेता भाजपा नेताओं की तारीफ करना कितना ठीक? क्या कोई हलचल होगी?
जवाब: हलचल क्यों होगी? इस मांग को मानना किसी एक पार्टी का हक नहीं है, यदि भाजपा को करना होता तो तीन वर्ष पहले कर देते। इसपर आंदोलन हुआ, कड़ी मशक्कत के बाद यह बात आगे बड़ी। कोई पार्टी इसपर क्रेडिट लेना चाहे तो ठीक नहीं है। यह जनता की मांग थी, और जनता में हर एक पार्टी के लोग होते हैं।
सवाल: क्या कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी के सड़कों पर उतरने पर पार्टी में बदलाव आएगा?
जवाब: यह कहना कठिन है, यात्रा अभी शुरू हुई है। जमीन पर जुड़ने से फायदा होता है, नुकसान नहीं होता। लेकिन कितना और किन राज्यों में होगा, वहीं होगा या नहीं होगा यह कहना थोड़ा कठिन।
सवाल: क्या जम्मू कश्मीर में अब कश्मीरी पंडितों को सम्मान वापस मिलना चाहिए ?
जवाब: मैं कश्मीरी पंडितों का बहुत आभारी हूं, मैंने सारी शिक्षा उन्ही से की है। यह समाज बहुत होनहार है। इसमें पढ़े लिखे लोग हैं। उनके साथ बहुत अन्याय हुआ और उन्हें उस समय कश्मीर छोड़ना पड़ा। मैं उस दौरान वहां था ही नहीं, जब मैं पहुंचा तो सब जा चुके थे।
अब बहुत सारी कोशिशें की जा रही हैं कि वह वापस जाएं, कुछ स्थान भी बनाए जा रहे हैं लेकिन अभी बड़ी संख्या में लोग जा नहीं रहे हैं। जब तक वहां के लोगों के साथ दिल नहीं जुड़ेंगे, तब तक जाना बेहद कठिन है।
उन्होंने आगे कहा, मेरे परिवार नें उधर राज किया लेकिन कभी कोई तनाव नहीं हुआ, सब मिल जुड़कर रहे। 1990 में बहुत गलत हुआ था। मुझे बहुत दुख है।
सवाल: क्या प्रधानमंत्री को आप कश्मीरी पंडितों पर पत्र लिखेंगे?
जवाब: अभी पत्र लिखने का ऐसा कोई विचार है नहीं लेकिन इस बात पर विचार करूंगा, हालांकि मेरे पत्र लिखने से लोग वापस नहीं जाएंगे जब तक वहां हालात ठीक नहीं होंगे।
सवाल: देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद को कैसे देख रहे हैं क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है ?
जवाब: सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर जो फैसला करेगी वो करेगी, हम क्या कहें? हमारे आपसी संबंध बहुत अच्छे होने चाहिए, जो भी बात हो उसे मिलकर करनी चाहिए। हिंसा की बात होना अच्छा नहीं होता, इससे समाज बिगड़ जाता है। देश अपना अमृत महोत्सव मना रहा है। इसमें हमें लोगों को जोड़ना है यदि लोग जुड़े नहीं और एक दूसरे के विरुद्ध होते जाएं तो देश को नुकसान होगा।
सवाल: कांग्रेस पार्टी ही भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाती है, क्या कहेंगे?
जवाब: नो कमेंट..
आईएएनएस
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Created On :   16 Sept 2022 11:30 PM IST