असम के सीएम बोले, क्या कहना है, किससे कहना है, यह सेना को तय करना है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/गुवाहाटी। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर संसद में चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी दलों के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि क्या कहना है, कब कहना है और किससे कहना है, यह तय करना सेना का विशेषाधिकार है।
सरमा ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, तवांग में सेना चीन के साथ एक महत्वपूर्ण लड़ाई में लगी हुई है। उन्होंने कहा, रणनीतिक सीमा मुद्दों पर सूचना साझा करना सेना की समग्र रणनीति का हिस्सा है।
विपक्षी नेताओं को तवांग ले जाने की सरकार से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मांग के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने दावा किया, अगर ओवैसी के साथ कोई जानकारी साझा की जाती है, तो आप कभी नहीं जान सकते कि यह कहां जाएगी। उन्होंने कहा, कोई भी वीडियो देख सकता है कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को क्या चुनौती दी है।
राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए पार्टी ने चीन से पैसा क्यों लिया, इस पर कांग्रेस से सफाई की मांग करते हुए सरमा ने कहा कि उन्हें नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में हुई झड़पों के बारे में एक प्रतिशत भी जानकारी नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया, जब तक कांग्रेस खुद को पाक-साफ साबित नहीं करती, तब तक कोई नहीं जानता कि उसके दूसरों से क्या संबंध हैं। यह जिक्र करते हुए कि कांग्रेस के नेता राजदूतों के साथ रात्रि भोज कर रहे थे, सरमा ने कहा कि इस पार्टी के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है।
पीएलए के सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर संपर्क किया, लेकिन भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से उनका मुकाबला किया, जिससे दोनों के बीच झड़प हुई। सूत्रों ने कहा कि हालांकि इस झड़प में किसी के हताहत होने या बड़ी चोट लगने की सूचना नहीं है, लेकिन इस झड़प के दौरान कुछ भारतीय और चीनी सैनिकों को कुछ मामूली चोटें आई हैं।
(आईएएनएस)।
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Created On :   14 Dec 2022 11:30 PM IST