अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पर ध्यान देने के लिए मोदी की सराहना
डिजिटल डेस्क, वाराणसी। नरेंद्र मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे के एक दिन पहले, क्षेत्र के मतदाताओं ने कहा कि शायद पहली बार किसी सांसद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में इतनी गहरी दिलचस्पी ली है, वह भी देश का प्रधानमंत्री होने के नाते।
कई लोगों ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि 2014 से पहले के सांसद इस निर्वाचन क्षेत्र में कम ही देखे जाते थे। हालांकि, प्रधानमंत्री होने के बावजूद मोदी अक्सर वाराणसी आते हैं और यहां के लोगों से जुड़े रहते हैं।
एक व्यवसायी अनुज सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पहले के सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं आना चाहते थे, लेकिन मतदाताओं से जुड़े रहने और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री अक्सर अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया करते हैं।
सिंह ने प्रसिद्ध अस्सी घाट पर सैर करते हुए कहा, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सहित सभी पहले के सांसद चुनाव जीतने के बाद उन्हें चुनने वाले लोगों को भूल गए। मगर प्रधानमंत्री होने के बावजूद मोदी हर कुछ महीनों में वाराणसी का नियमित दौरा करते हैं और लोगों से जुड़े रहते हैं। उन्होंने वाराणसी का विकास भी सुनिश्चित किया।
साल 2017 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए सामने घाट पुल का जिक्र करते हुए धनंजय सिंह तोमर ने कहा, पुल को पूरा करने में दो दशक लग गए। पिछली राज्य सरकार और सांसद दोनों 20 साल तक परियोजना को पूरा करने में विफल रहे। लेकिन वाराणसी से सांसद मोदी ने तीन साल के भीतर परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित किया।
सामने घाट पुल की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2005 में रखी थी। तोमर ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा 2017 तक पुल को पूरा नहीं किया जा सका और 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने और छह महीने में पूरा होने के बाद काम में तेजी आई। यह सब स्थानीय सांसद द्वारा दिखाई गई गहरी दिलचस्पी के कारण ही हुआ।
पिछले सात वर्षो में वाराणसी के परिवर्तन के बारे में बात करते हुए 24 वर्षीय निजी शिक्षक ईशांत सेठिया ने दावा किया कि शहर के हर नुक्कड़ पर बदलाव दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, भूल जाओ कि शहर के निवासी क्या कहते हैं, जो 2014 से पहले और बाद में वाराणसी गए हैं, वे बदलाव बता सकते हैं। काशी को बदलकर प्रधानमंत्री या दूसरे शब्दों में हमारे स्थानीय सांसद ने शहर की संस्कृति और विरासत को बहाल किया है।
हालांकि ऐसे लोग हैं, जो काशी विश्वनाथ के विकास पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि इसने प्राचीन शहर की विरासत को नष्ट कर दिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के एक दुकानदार मुकेश ने कहा, लोग काशी की विरासत और संस्कृति को देखने आते थे, लेकिन कॉरिडोर के पुनर्विकास ने इसे नष्ट कर दिया है। अब वे काशी में क्या देखेंगे।
मुकेश ने कहा कि सांसद का विकास कार्य और पहुंच ठीक है, लेकिन युवाओं के लिए रोजगार के अवसर होने चाहिए। उन्होंने कहा, हां, आज हमारे पास एक सांसद है, जो नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करता है और निर्बाध बिजली आपूर्ति और बेहतर सड़कों को सुनिश्चित करता है, लेकिन हमें बिजली बिल का भुगतान करने के लिए नौकरियों की जरूरत है।
(आईएएनएस)
Created On :   3 March 2022 9:00 PM IST